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प्रयागराज की अनुप्रिया बनी विश्व की नंबर 1 शतरंज प्लेयर, जानिए 7 साल की उम्र में कैसे बनी माहिर खिलाड़ी

Prayagraj News: अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ की तरफ से जून महीने की रैंकिंग जारी की गई है। इसमें यूपी की बेटी अनुप्रिया ने देश का नाम रौशन किया है। उन्होंने 1307 अंको के साथ विश्व में नंबर 1 पॉजिशन हासिल की है। वहीं, फ्रांस की बूनी नंबर 2 पर है।  

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Prayagraj News: 7 साल की अनुप्रिया बनी शतरंज की माहिर खिलाड़ी, जानिए कैसे बनी दुनिया की नम्बर 1 प्लेयर

अनुप्रिया यादव शतरंज की रानी

Prayagraj News: शतरंज की दुनिया में संगम नगरी की शानदार दस्तक हुई है। नैनी की रहने वाली अनुप्रिया यादव शतरंज में नंबर एक बन गई है। अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ ने जून के महीने की रैंकिंग जारी की। जिसमे विश्व रेटिंग में अंडर-सात बालिका वर्ग में अनुप्रिया को पहला स्थान मिला। अनुप्रिया को 1307 अंक मिले हैं।

फ्रांस की बुनी दूसरे और बांग्लादेश की वारिसा हैदर को विश्व रैंकिंग में तीसरा स्थान मिला हुआ है। चौथे स्थान पर इंग्लैंड की नवी कोनारा को जगह मिली है। जबकि पांचवा स्थान संस्कृति यादव ने हासिल किया है, संस्कृति भी भारत की रहने वाली हैं और उन्हें 1223 अंक मिले हैं।

क्या करते हैं अनुप्रिया के माता पिता
अनुप्रिया बेथनी कान्वेंट स्कूल में कक्षा दो की छात्रा हैं। पिता शिवशंकर यादव नैनी में ही कोचिंग चलाते हैं। मां सरस्वती देवी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत करते हुए अनुप्रिया ने बताया कि बचपन से घर में सिर्फ एक ही चीज का क्रेज देखा वह था शतरंज। अब मुझे या इतना पसंद है कि हर वक्त मेरे दिमाग में शतरंज की चाल दौड़ती रहती है। अनुप्रिया की बड़ी बहन प्रिया यादव भी शतरंज की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी है। इनका पूरा परिवार शतरंज के खेल में रमा हुआ है।

अनुप्रिया के पिता ने कभी नही मानी हार
अनुप्रिया के पिता ने बताया की उन्हें किस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। अनुप्रिया को लेकर अलग-अलग राज्यों में जाना रुकना और रास्ते का किराया भी खुद ही उठाना पड़ता था। लेकिन बेटी के हौसले को कभी भी उन्होंने टूटने नहीं दिया और उसकी कामयाबी के बाद सिर्फ उनकी आंखों में खुशी के आंसू हैं। उन्हें इस बात का यकीन नही हो रहा है की उनकी बेटी ने इतिहास के पन्नो में अपना नाम अमर कर लिया है।

नेपाल में जीता अंडर 12
अनुप्रिया यादव ने हाल ही में नेपाल में आयोजित हुई पांचवी दोलखा ओपन चेस प्रतियोगिता में खिताब हासिल किया था। अनुप्रिया हर रोज पढ़ाई के साथ साथ शतरंज को भी पूरा वक्त देती है। वह हर दिन नियमित रूप से सात घंटे ऑनलाइन शतरंज खेलती है।

बहन के नक्शे कदम पर बढ़ रही अनुप्रिया
अनुप्रिया को बचपन से ही शतरंज देखने और खेलने का माहौल मिला। अनुप्रिया की बड़ी बहन प्रिया यादव भी शतंरज की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी हैं। प्रिया को ही देखकर अनुप्रिया ने शतरंज खेलना शुरू किया। पहले बहन के साथ घंटों बाजी खेलती और अब वह पूरी दुनिया में अपनी चुनौती पेश कर रही हैं। ‌ माता-पिता को भी शतरंज खेल पसंद है जिसके कारण घर में हर कोई एक दूसरे को सपोर्ट करता है। यही कारण है कि इतनी छोटी सी उम्र में अनुप्रिया ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना ली है।