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प्रयागराज

सेवा के अंतिम समय में जन्मतिथि सुधारने का आदेश नहीं दिया जा सकता : हाईकोर्ट

मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने बदायूं के रणवीर की विशेष अपील पर दिया आदेश

प्रयागराजJun 10, 2020 / 07:41 pm

Hariom Dwivedi

सेवा के अंतिम समय में जन्मतिथि सुधारने का आदेश नहीं दिया जा सकता : हाईकोर्ट

सेवा के अंतिम समय में जन्मतिथि सुधारने का आदेश नहीं दिया जा सकता : हाईकोर्ट

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कोर्ट द्वारा सेवा के अंतिम पड़ाव में जन्मतिथि सुधार की मांग मे दाखिल याचिका सुनने से इंकार कर न्याय के दरवाजे बंद नही किये जा सकते। कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है और याची को जन्मतिथि सुधार की मांग उचित फोरम में उठाने की छूट दी है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने बदायूं के रणवीर की विशेष अपील पर दिया है।
मालूम हो कि याची 25 जनवरी 87 को बेलदार पद पर नियुक्त हुआ। नवंबर 2011में उसकी सेवा नियमित कर दी गयी। इसी समय सेवा पंजिका में जन्मतिथि दर्ज की गई। याची का कहना है कि उसी जन्मतिथि 19 जनवरी 1965 है और गलती से सेवा पुस्तिका में 19 जनवरी 1960 दर्ज है।
जन्मतिथि सुधार की मांग में याचिका दायर की गई थी। एकलपीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि सेवा के अंतिम दिनों में जन्मतिथि सुधारने का आदेश नहीं दिया जा सकता। जिसे विशेष अपील में चुनौती दी गयी थी। याची का कहना था कि सी एम ओ बदायूं की रिपोर्ट एवं पैन कार्ड उसके कथन की पुष्टि करते हैं। इन दोनों पत्रजातों से स्पष्ट है कि उसका जन्म का वर्ष 1965 है । कोर्ट ने कहा कि याची 2011में नियमित हुआ है। इसलिए जन्मतिथि को चुनौती देने मे देरी नही की है। खंडपीठ ने अपील मंजूर कर ली है।

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