वरुण गांधी पीलीभीत से बीजेपी सांसद हैं। वे पिछले साल 12 महीनों में अपनी ही बीजेपी सरकार की नीतियों पर 36 बार ट्वीट करके सवाल खड़े कर चुके हैं। अब उनके सुर भी बदल गए हैं। उनके ऑक्सफोर्ड यूनियन के निमंत्रण को ठुकराने के बाद से नई चर्चा शुरू हो गई है।
वरुण गांधी बोले-हमें अंतरराष्ट्रीय मंच पर घरेलू चुनौतियों को उठाना अपमाजनक काम होगा ऑक्सफोर्ड यूनियन ने बीजेपी सांसद वरुण गांधी को निमंत्रण दिया था। जिसमें उनसे ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सही रास्ते पर है या नहीं’ विषय पर आयोजित चर्चा में हिस्सा लेने का अनुरोध किया गया था। वरुण गांधी ने चर्चा में हिस्सा लेने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा, “हमें अंतरराष्ट्रीय मंच पर घरेलू चुनौतियों को उठाने की कोई योग्यता या समग्रता नजर नहीं आती और इस तरह का कदम एक अपमानजनक काम होगा।”
वरुण गांधी ने आमंत्रण ठुकराते हुए कहा, “ऑक्सफोर्ड यूनियन चाहती थी कि वह इस प्रस्ताव के खिलाफ बोलें कि यह सदन मोदी के भारत को सही रास्ते पर मानता है।” वहीं बीजेपी सांसद ने ट्वीट कर कहा, “मैंने ऑक्सफोर्ड यूनियन में एक बहस के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है। भारत की राजनीति नियमित रूप से हमें अपनी नीतियों में सुधार के लिए समालोचना करने और रचनात्मक सुझाव देने का स्थान देेती है। भारत की पसंद और चुनौतियों को अंतरराष्ट्रीय जांच के अधीन करना, मेरे लिए एक अपमानजनक काम है।”
वरुण गांधी ने 16 जनवरी 2023 को पीलीभीत के पूरनपुर ब्लॉक के एक कार्यक्रम में उन्होंने बयान दिया। उन्होंने कहा, “संसद के भवन में मुझे एक लाख रुपए के तनख्वाह का चेक मिला। मैंने लोकसभा के अध्यक्ष महोदय से पूछा कि ये क्या है। उन्होंने कहा कि ये आपकी तनख्वाह है तो मैंने कहा कि सेवा के लिए कोई तनख्वाह जरूरी है। लेकिन मैं तो ये पैसे नहीं चाहता हूं। तब उन्होंने कहा कि हमारे यहां कोई प्रावधान नहीं है कि आपकी तनख्वाह को हम वापस लौटाएं।”
वरुण गांधी ने पंडित नेहरू से अपनी तुलना कीक थी बीजेपी सांसद ने आगे कहा, “तब डॉ मनमोहन सिंह थे, मैं उनसे जाकर मिला। उनसे मैंने कहा कि ये सरकारी गाड़ी, ये बंगला और तनख्वाह मुझे नहीं चाहिए। तब उन्होंने कहा कि मैं छोटा था तो पंजाब के स्कूल में पढ़ता था। तब हम पढ़ते थे कि जब पंडित जवाहर लाल नेहरू भी संसद में प्रधानमंत्री बन कर गए थे, तब उन्होंने भी सबसे पहले यही कहा था कि मुझे न तनख्वाह चाहिए, न बंगला चाहिए और न ही कुछ चाहिए।”
इसके पहले भारत जोडो यात्रा जब यूपी में पहुुंची तो भी वरुण गांधी का बयान आया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत जोड़ने की बात होनी चाहिए न कि जाति और धर्म के नाम पर तोड़ने की।
ऐसे बयानों और लगातार अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करने पर वरुण गांधी के कांग्रेस में जाने के कयास लगाए जाने लगे थे। लेकिन राहुल गांधी के एक बयान ने वरुण के कांग्रेस में जाने के कयास को विराम लगा दिया।
राहुल गांधी के बयान ने कयास पर लगाया विराम राहुल गांधी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पंजाब पहुंची तो होशियारपुर में 17 जनवरी 2023 को मीडिया से बातचीत की थी। इस दौरान उनसे वरुण गांधी को लेकर सवाल किया गया। जवाब में राहुल गांधी ने कहा, “मेरा जो परिवार है उसकी एक विचारधारा है। उसका एक अलग थिंकिंग सिस्टम है। जो वरुण हैं उन्होंने एक समय और शायद आज भी उस विचारधारा को अपना लिया है, जिसे मैं स्वीकार नहीं कर सकता हूं। उस विचारधारा को मेरे लिए स्वीकार करना संभव नहीं है। मैं आरएसएस के दफ्तर नहीं जा सकता, चाहे मेरा गला काट दिया जाए। वरुण से मिल सकता हूं और गले लगा सकता हूं, लेकिन उनकी विचारधारा को नहीं अपना सकता।”
वरुण ने अखिलेश यादव की तारीफ की थी इसके बाद उन्होंने पीलीभीत में अखिलेश यादव की तारीफ की थी। वरुण गांधी ने कहा, “मैं पूरा प्रदेश घूम चुका हूं। अखबारों में लेख लिखते रहता हूं। एक दिन मैंने सोचा कि वो कौन सा मानक है जिसके तहत किसान और आम आदमी आ सकते हैं। आखिर क्यों किसान आत्महत्या करने पर मजबूर होता है?”
वरुण गांधी ने कहा, “उस समय शायद अखिलेश यादव सूबे के मुख्यमंत्री थे। मैंने उन्हें पत्र लिखकर मानक के अंतर्गत आने वाले किसानों की लिस्ट मांगी थी।. इस पर अखिलेश यादव ने बड़ा मन दिखाकर सारे अधिकारियों को बोला कि इसमें कोई राजनीति नहीं है,. इनकी मदद करिए, ये कुछ करना चाहते हैं। जिसके बाद हमें करीब 42 हजार लोगों की लिस्ट मिली।”
इससे वरुण गांधी का समाजवादी पार्टी में जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस पर अखिलेश यादव की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी। इसके बाद वरुण गांधी शांत हो गए। सरकार की नीतियों पर भी पिछले तीन महीन से सवाल नहीं खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने 13 जनवरी 2023 को अंतिम पर शिक्षामित्रों के प्रदर्शन का वीडियो को ट्वीट करके सरकार पर सवाल खड़ा किए थे।
अब फिर उनके सुर बदल गए हैं। बीते तीन महीनें से बीजेपी के खिलाफ वरुण गांधी कुछ नहीं बोल रहे हैं। पिछले सप्ताह वरुण गांधी के कार्यालय के बाहर उनके बीजेपी नेताओं के पोस्टर भी लगे दिखाई दिए हैं।
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