रेलवे के सेफ्टी स्टाॅफ के देश भर में 24 फीसदी पद रिक्त हैं। इनकी संख्या करीब 1.42 लाख है। रेलवे बोर्ड ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि सेफ्टी स्टाॅफ की कमी के कारण सिग्नल, इंजीनियर्स आैर लोको पायलट को कर्इ बार 20 से 24 घंटे तक काम करना पड़ता है। माना जा रहा है कि इस बार बजट में राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष के तहत मिलने वाली रकम को बढ़ाया जा सकता है।
रेलवे सेफ्टी फंड पर कुल 1.19 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे आैर ये फंड पांच सालों के लिए बनाया जाएगा। पिछले साल रेलवे ने सेफ्टी फंड का प्रस्ताव भेजा था। सूत्रों के मुताबिक जिस पर वित्त मंत्रालय आैर रेलवे के बीच सहमति बन चुकी है। फंड का 50-50 हिस्सा वित्त आैर रेलवे मंत्रालय देंगे।