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नक्सलियों को मात देने बस्तर में 30 पुराने कैंप फिर से होंगे शुरू, 5 नई बटालियन की तैयारी

locationरायपुरPublished: Feb 09, 2021 11:08:53 am

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CG Desk

– स्थानीय लोगो के विरोध की आशंका के चलते अफसरों ने बनाई योजना। – सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले में होगी तैनाती।

नक्सलियों को मात देने बस्तर में 30 पुराने कैंप फिर से होंगे शुरू, 5 नई बटालियन की तैयारी

नक्सलियों को मात देने बस्तर में 30 पुराने कैंप फिर से होंगे शुरू, 5 नई बटालियन की तैयारी

रायपुर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर के सुकमा, बीजापुर और दंतेवाडा़ में फोर्स के करीब 30 पुराने कैंपों को एक बार फिर से शुरू किया जाएगा। यहां सीआरपीएफ की 5 नई बटालियन को तैनात करने की योजना बनाई गई है। प्रत्येक कैंप में 150 से 200 जवानों को रखा जाएगा। इसके लिए पुराने कैंपों में रंग-रोगन कर रसद और राशन सहित अन्य सारी व्यवस्था की गई है। कांकेर स्थित जंगलवारफेयर कालेज में प्रशिक्षण के बाद कैंपों में भेजने की तैयारी चल रही है। जल्दी ही उन सभी का मूवमेंट कराया जाएगा। विभागीय अधिकारी इसकी कवायद में जुटे हुए है।
बताया जाता है कि नक्सलियों के इशारे पर स्थानीय निवासियों के विरोध किए जाने की आशंका को देखते हुए इसका निर्णय लिया गया है। नवंबर 2020 में सीआरपीएफ की 5 नई बटालियन के रायपुर में आमद देने के बाद सभी को गोपनीय रूप से बस्तर भेजा गया था।

अस्थाई कैंप बनेंगे
सीआरपीएफ के जवानों के लिए जल्दी ही सुकमा, बीजापुर और दंतेवाडा़ जिले के सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में कैंप का निर्माण किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों की स्वीकृति के बाद स्थल का चिन्हांकन किया गया है। राज्य सरकार से इसका हस्तांतरण करने के बाद कैंप निर्माण की तैयारी चल रही है। बताया जाता है कि चिन्हांकित स्थलों में पहले अस्थाई कैंप शुरू किया जाएगा। साथ ही स्थानीय इलाके में मूवमेंट कराया जाएगा। बता दें कि सीआरपीएफ की नई बटालियन आने के बाद से माओवादी दबाव में आ गए है। इसके चलते उनकी गतिविधियां भी कम होती जा रही है।

इतनी फोर्स
माओवाद प्रभावित बस्तर संभाग में इस समय राज्य पुलिस और केंद्रीय फोर्स के करीब 50000 जवानों को तैनात किया गया है। इसमें करीब 30000 सीआरपीएफ, 5000 बीएसएफ के जवान शामिल है। इन सभी का अंदरूनी इलाकों में मूवमेंट कराया जा रहा है।

उपयोग होगा
सीआरपीएफ की नई बटालियन को जल्दी ही तैनात किया जाएगा। इसके लिए पुराने कैंपों का उपयोग भी किया जाएगा। लेकिन, सुरक्षा कारणों के चलते इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
– एचके साहू, प्रवक्ता सीआरपीएफ

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