Advisory: वर्षा ऋतु प्रारंभ होने के साथ ही नमी एवं उमस बढ़ जाती है। बारिश का पानी बिलों में जाने के कारण अपने भोजन की तलाश में सांप-बिच्छू अक्सर हमारे निवास स्थानों पर चले आते हैं और कभी-कभी लोगों को काट भी लेते हैं। बारिश के मौसम (Rainy Season) में सर्प दंश की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर कहा कि सर्प दंश में ओझा-बैगा (Ojha Baiga) के झाड़ फूंक में विश्वास कर समय गंवाने से व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। सर्प दंश की स्थिति में सीधे नजदीकी अस्पताल पहुंचकर इलाज कराना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से झाड़-फूंक (Exorcism) जैसे अंधविश्वास से बाहर आकर सर्पदंश की स्थिति में अस्पताल में अपना उपचार कराने की अपील की है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार विषैले सर्पों (Venomous Snake) के काटने का इलाज अस्पतालों में उपलब्ध एंटीवेनम (Antivenom) से ही होता है। किसी प्रकार के झाड़-फूंक करवाने से यह ठीक नहीं हो सकता, बल्कि इसमें समय गंवा देने पर अक्सर पीड़ित व्यक्ति गंभीर हो जाता है और बाद में अस्पताल लाने पर चिकित्सकों को उस मरीज पर बहुत मेहनत करनी पड़ती है। कई प्रकरणों में विष (Poison) पूरे शरीर में फैल जाता है जिस कारण जान बचाना भी काफी मुश्किल रहता है। इसलिए ऐसे प्रकरणों में तत्काल अस्पताल आना ही सही है, जहां इसका निःशुल्क इलाज (Free Treatment) किया जाता है।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग (Chhattisgarh Health Department) द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार सर्पदंश (Snake Bite) की स्थित में मरीज को घबराने नहीं देना है, क्योंकि इससे हृदय गति बढ़ने से विष तेजी से फैलता है। काटे गए अंग को हिलाना नहीं है और न ही कोई कड़ा कपड़ा बांधना है। नजदीक के अस्पताल (Hospital) में तुरंत ले जाएं। घर से बाहर जाने और उस जगह पर रोशनी कम होने पर टार्च लेकर जाएं और जूते पहनें। आसपास सफाई रखें। कक्ष में भोजन सामग्री व धान आदि न रखें, जिससे चूहे न आने पाए।
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Updated on:
08 Jul 2025 06:52 pm
Published on:
04 Jul 2025 10:46 pm