कोर कमेटी में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद सरोज पांडेय, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, सांसद रामविचार नेताम, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, सांसद अरूण साव, पूर्व मंत्री पुन्नुलाल मोहले, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, संगठन महामंत्री पवन साय, प्रदेश कोषाध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल और प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप शामिल हैं।
रेणुका, अरूण, गौरीशंकर और केदार नए चेहरे हैं। इन्हें पहली बार कोर कमेटी में जगह मिली है। तो वहीं पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री एवं मोर्चा प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी रहे रामप्रताप को बाहर कर दिया है। नगरीय निकाय चुनाव के महीनेभर और विधानसभा चुनाव के 2 साल पहले कोर कमेटी के ऐलान से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी राज्य में भाजपा की कमान अनुभवी हाथों में सौंपना चाहती है।
राजनीतिक मायने- 13 सदस्यीय कोर कमेटी में 6 आदिवासी नेताओं को शामिल करने के अपने राजनीति मायने हैं। दरअसल, भाजपा आदिवासियों को साधना चाहती है। पार्टी का बस्तर और सरगुजा संभाग पर ज्यादा फोकस होगा।
नंदकुमार साय को कहीं जगह नहीं
बीते 4-5 महीने से लगातार सक्रिय दिख रहे पूर्व सांसद एवं आदिवासी नेता नंदकुमार साय को कोर कमेटी के अलावा किसी अन्य कमेटी में जगह नहीं मिलना चौंकाने वाला कदम है। जबकि पुरंदेश्वरी ने उन्हें चिंतन शिविर में शामिल किया था, साथ ही बार उनके घर खाने पर भी पहुंची थीं। साय के नेतृत्व में आरंग के कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए थे।
पहली बार बनी वित्त समिति
भाजपा ने पहली बार छत्तीसगढ़ में प्रदेश वित्त समिति गठित कर गौरीशंकर अग्रवाल को प्रदेश कोषाध्यक्ष नियुक्त किया है। नंदन जैन सह कोषाध्यक्ष होंगे। सांसद सुनील सोनी को भी इसमें जगह मिली है। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, श्रीनिवास राव और राजीव अग्रवाल भी इसमें शामिल हैं।
अनुशासन समिति के संयोजक बनाए गए पैकरा- पूर्व मंत्री रहे राम सेवक पैकरा को अनुशासन समिति का संयोजक बनाया गया है। कोर कमेटी से हटाकर राम प्रताप सिंह को इस समिति में बतौर सदस्य जगह दी गई है। साथ ही डॉ. सुभाऊ कश्यप,रामजी भारती और विभा राव सदस्य होंगी।