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वन भूमि पर अतिक्रमण का प्रयास आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई

वन परिक्षेत्र छुरा अंतर्गत लगातार दो स्थलों पर अवैध रूप से जेसीबी से समतलीकरण कर अतिक्रमण कर रहे दो लोगों के विरुद्ध वन विभाग ने कार्रवाई की है।

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वन भूमि पर अतिक्रमण का प्रयास आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई

वन भूमि पर अतिक्रमण का प्रयास आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई

छुरा (कामराज)/ मुड़ागांव. वन परिक्षेत्र छुरा अंतर्गत लगातार दो स्थलों पर अवैध रूप से जेसीबी से समतलीकरण कर अतिक्रमण कर रहे दो लोगों के विरुद्ध वन विभाग ने कार्रवाई की है। वन मण्डलाधिकारी गरियाबंद मयंक अग्रवाल एवं विश्वनाथ मुखर्जी उप वनमण्डलाधिकारी राजिम, वनमण्डल गरियाबंद के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में वन परिक्षेत्र अधिकारी सुयश धर दीवान के नेतृत्व में यह कार्यवाही किया गया।
गुरुवार की रात्रि लगभग 10.55 बजे कक्ष क्रमांक 157 संरक्षित वन, वनखण्ड लोहझर में जेसीबी से वन भूमि पर अवैध उत्खनन कर समतलीकरण करते हुए आरोपी अतिक्रमणकर्ता गोविन्दराम पिता परदेशी राम जाति यादव ग्राम गोंदलाबाहरा, जिला गरियाबंद और वाहन चालक घनाराम (24) पिता सुरत लाल निर्मलकर, ग्राम बड़े सीपत मालखरौदा, तहसील मालखरौदा, जिला. जांजगीर चांपा द्वारा सोल्ड जेसीबी वाहन द्वारा अवैध उत्खनन कर समतलीकरण किया जा रहा था। जिसे वनाधिकारी कर्मचारियों के कुशल प्रबंधन से भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33 (1) ग एवं च तथा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 के तहत जब्ती वन विधि सम्मत कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार की सुबह 5 बजे आरोपी वाहन चालक खेमचंद (27) पिता स्व. चंदेश्वर जाति मरार ग्राम परसदाखुर्द, थाना-तह छुरा, जिला गरियाबंद, वन भूमि पर अतिक्रमणकर्ता एवं वाहन मालिक रामेश्वर पिता घसिया, जाति तेली, ग्राम जामली, थाना छुरा, जिला . गरियाबंद द्वारा कक्ष कमांक 194 आरक्षित वन, वनखण्ड नागिनबाहरा में जेसीबी द्वारा अवैध उत्खनन कर वन भूमि समतलीकरण किया गया था। जिसे वनाधिकारी व कर्मचारियों द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (1) क एवं ज तथा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 के तहत जब्ती कर कार्यवाही की जा रही है। उक्त वन अपराध को पकडऩे में सहायक परिक्षेत्र अधिकारी छुरा धनेश कुमार सिन्हा (वनपाल), सहायक परिक्षेत्र अधिकारी अमेठी चिंताराम निर्मलकर (वन रक्षक), परिसर रक्षक बोडऱाबांधा, कृष्ण कुमार ध्रुव, परिसर रक्षक छुरा, छमेश्वर साहू, परिसर रक्षक कनसिंघी, पुरुषोत्तम ध्रुर्वा एवं संयुक्त वन प्रबंधन समिति परसदा खुर्द का सराहनी भूमिका रही।