
जल जीवन मिशन में बड़ी गड़बड़ी: कागजों में बिछा दी पाइप, कुछ स्थानों पर बनने के चंद महीनों में ही टूट गए स्टैंड
कोंटा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन का सुकमा जिले के विकास खंड कोंटा में बुरा हाल है। पत्रिका ने केंद्र सरकार की सबसे बड़ी और महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक जल जीवन मिशन में चल रहे गड़बड़ी को उजागर किया है। भ्रष्टाचार का परतें लगातार खुलने की बाद भी जिम्मेदारों के कानो में जूं तक नहीं रेंग रही है। मिशन भ्रष्टाचार के रूप में करोड़ों के निर्माण कार्यों को मनमानी ढंग से अंजाम दिया जा रहा है। पीएचई के जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों ने योजनाबद्ध तरीके से इसे मनमानी और कमीशनखोरी का अड्डा बना दिया है। कोंटा इलाके के लगभग सभी गांव में ष्जल जीवन मिशनष् के तहत हो रहे कार्यों में घोर अनियमितता बरती जा रही है। खासकर नक्सल प्रभावित कोंटा ब्लॉक में तो मनमानी चरम पर है। ठेकेदारों के द्वारा निर्धारित मापदंड के विरुद्ध काम किया जा रहा है। ठेकेदारों की लापरवाही और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कोई अधिकारी तैयार नहीं है। निर्माण कार्य के दौरान ना तो फील्ड पर कोई अधिकारी रहते हैं और ना शिकायत के बाद कोई जांच की जाती है। सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि निर्माण कार्य के पहले ही ठेकेदारों को भुगतान कर दिया जा रहा है।
भगवान भरोसे चल रहा मिशन का कार्य
अधिकारी व ठेकेदारों की मिलीभगत से केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना जल जीवन मिशन पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। यह योजना कोंटा ब्लाक में फ्लाप साबित हो रहा है। योजना के विकास खंड कोंटा में धराशाई होने के पीछे मुख्य कारणए पीएचई विभाग के अधिकारियों का कार्य स्थल से नदारद रहना है। जिला मुख्यालय में रहकर अधिकारीए कार्यों का फर्जी मूल्यांकन कर रहे हैं। उनके द्वारा नक्सल प्रभावित इलाके का बेजा फायदा उठाकर फील्ड का निरीक्षण ही नहीं किया जाता है। घर बैठे ही सहायक अभियंता द्वारा किए गए मूल्यांकन पर एसडीओ हस्ताक्षर कर रहे हैें और फर्जी तरीके से लाखों का भुगतान ठेकेदार कर रहे हैं। बताया जाता है कि ठेकेदार और अधिकारियों के बीच 20 परसेंट का कमीशन बंधा है इसलिए अधिकारी बिना फील्ड विजीट किये ही आंखे बंदकर मूल्यांकन पुस्तिकाओं पर अपनी मोहर लगा रहे हैं।
पीएचई विभाग का संरक्षण प्राप्त
कोंटा विकासखण्ड के अंदरूनी इलाकों में चल रहे जल जीवन मिशन के कार्यों में पीएचई विभाग का संरक्षण प्राप्त है यही करण है कि लगातार खुलासे के बाद भी न विभागीय अधिकारी इसे गंभीरता से ले रहे हैं और न ही जिला प्रशासन इस पर संज्ञान लेने को तैयार है। अदरूनी क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत किए गए निर्माण कार्य बनने के कुछ ही दिनों में टूटने लगे हैं। ग्राम गंगलेर में घरकृघर तक पानी पहुंचाने के लिए करीब 13 लाख की लागत से जल जीवन मिशन के तहत कार्य स्वीकृत किया गया है जिसका ठेकाए सुकमा के ठेकेदार शेख शाहरुख को दिया गया है। मानकों के विपरित होने के कारण पाईप व स्टैंड पोस्ट पूरी तरह टूट गए हैं। पत्रिका में खबर प्रकाशन के बाद पीएचई विभाग के अधिकारीयों द्वारा ठेकेदार को टूटे हुए नल व पाईप को सुधारने के निर्देश दिया गया था लेकिन ठेकेदार द्वारा पाईप लाईन व नल को सुधारने के नाम पर सिर्फ लीपापोती किया गया है। तकनीकी मापदण्डों के अनुसार जमीन से तीन फिट अंदर होने वाली पाईप को जमीन के ऊपर ही छोड़ दिया गया है।
बना दिए सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट
वन ग्राम मराईगुड़ा के समीप गांव लिंगनपल्ली में जल जीवन मिशन योजना के तहत ठेकेदार द्वारा अजीबो गरीब कार्य किया गया हैं। जहां हर घर के आंगन में नल लगाने थे वहीं 3,4 घरों को मिलाकर एक स्टैंड पोस्ट लगाया गया है। जब सरकार की मंशा ही घरकृघर पानी पहुंचाने की है तोए एक ही जगह टोंटी लगाने का क्या औचित्य है। निर्माण के दौरान कई बार ठेकेदार को घरों के आंगन में नल लगाने को कहा गया लेकिन ठेकेदार ने ग्रामीणों की एक न सुनी। ग्रामीणों द्वारा अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराने के बावजूद कोई भी जिम्मेदार निरीक्षण करने को नहीं पहुंचा।
कागजों पर बिछा दिया 1800 मीटर पाइप
कोंटा विकासखण्ड के ग्राम वीरा गंगलेर में लगभग आठ लाख की लागत से जल जीवन मिशन का कार्य किया जा रहा है। पाइप लाइन विस्तार के तहत करीब 2020 मीटर पाइप बिछाया जाना है। सरकारी आंकड़ों में विभाग करीब 1800 मीटर बिछाने दावा कर रहा है। पत्रिका ने वीरा गंगलेर पहुंचकर मामले की पड़ताल की तो चौकाने वाले खुलासे हुए। सरकारी आंकड़े और जमीनी हकीकत में जमीन आसमान का अंतर नजर आया। गांव में कार्य शून्य है। जल जीवन मिशन के तहत ठेकेदार ने नाममात्र के लिए घरों के सामने स्टैंड पोस्ट बनाकर छोड़ दिया है। पाईप लाइन का काम हुआ ही नहीं है। वीरा गंगलेर की ग्रामीण नुप्पो गंगी ने बताया की घरों में नल और टोटी लगाया गया है। पाईप लाइन के संबंध में पूछने पर उन्होंने बताया कि गांव में पाईप लाईन बिछाना तो दूर की बात है गड्ढा तक नही खोदा गया है।
Published on:
16 May 2023 04:03 pm
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