
शोकपत्र अशुभ है... 40 साल में 7500 कार्ड इकट्ठा कर तोड़ा लोगों का भ्रम
Raipur News : सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ सदियों से जंग जारी है। कई प्रयास सफल हुए। कई दिशा में काम अब भी जारी है। शहर के समाजसेवी ललित मिश्रा पिछले 40 साल से ऐसी ही एक सोच के खिलाफ लड़ रहे हैं। इन्होंने 40 साल में 7500 शोकपत्र इकट्ठा किए हैं। केवल इसलिए ताकि लोग शोक पत्रों को अशुभ न मानें।
दरअसल, ज्यादातर लोग शोकपत्र को सीधे पढ़ने या घर में रखने से परहेज करते हैं। इसके पीछे धारणा है कि ऐसा करने से खुद के साथ या परिवारवालों के साथ अनहोनी हो सकती है। ऐसे में शोकपत्र मिलते ही लोग पहले उसका ऊपरी हिस्सा फाड़ देते हैं। फिर शोक संदेश और जरूरी अनुष्ठानों की तारीखें व जानकारी पढ़ते हैं। ज्यादातर लोग सूचना पढ़ने के बाद पूरे शोकपत्र को ही फाड़कर फेक देते हैं।
ललित मिश्रा इससे सहमत नहीं हैं। उनका मानना है, जीते-जी जिनसे नाता रहा, उन्हें अपनी यादों में जिंदा रखना चाहिए। यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। मान्यताओं के फेर में लोग अपने परिचितों के अंतिम क्रिया कर्म से जुड़ी सूचना को भी अपशकुन की तरह देखते हैं। ये गलत है। अब तक मैं 7500 से ज्यादा शोकपत्र इकट्ठा कर चुका हूं। मेरे या मेरे परिवार के साथ कोई अनहोनी नहीं हुई।
बेटी बचाने-बेटी पढ़ाने कन्या जन्मोत्सव मनाने की शुरुआत, 1000 का सम्मान
ललित फिलहाल सर्व ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। बेटी बचाओ मंच में प्रांताध्यक्ष भी हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के स्लोगन को साकार करने 10 साल पहले उन्होंने कन्या जन्मोत्सव मनाने की शुरुआत की थी। इसके तहत किसी परिवार में बेटी का जन्म होने पदाधिकारी-कार्यकर्ता उस घर में जाकर माता-पिता का सम्मान करते हैं। अब तक 1000 से ज्यादा अभिभावकों को इस सम्मान से नवाजा जा चुका है।
जीते-जीे जिनसे नाता रहा, उन्हें अपनी यादों में जिंदा रखना चाहिए
सामाजिक कुरीति का खात्मा करते हुए ललित वर्ल्ड रेकॉर्ड भी बना चुके हैं। 6500 शोकपत्र इकट्ठा करने पर साल 2016 में उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज किया गया। अब वे अपने ही रेकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी में हैं। 2016 के बाद वे 500 शोकपत्र और इकट्ठा कर चुके हैं। 500 और कार्ड कलेक्ट करने के बाद वे 7500 शोकपत्रों के साथ नए वर्ल्ड रेकॉर्ड के लिए दावा करेंगे।
इन चीजों का भी संग्रह...
प्राचीन सिक्के : 100 से ज्यादा। इसमें ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा सन् 1818 में मुद्रित 1 आना का पहला सिक्का भी है।
नेचर फोटोग्राफी : ललित कॉलेज के दिनों से फोटोग्राफी कर रहे हैं। नेचर से जुड़ी सैकड़ों तस्वीरों का भी संग्रह है।
Published on:
07 Sept 2023 10:51 am
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