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राजनीतिक सफर… कभी लगता था डर, अब संभाल रहे प्रदेश की कमान, जानिए भूपेश बघेल की अनसुनी बातें

CM Bhupesh Baghel : एक नेता जो परीक्षा में नंबरों से डर जाता था और आज अपने दमदार बयानों और कामों से प्रदेश की सत्ता की भागडोर संभाले हुए हैं..

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रायपुर। CM Bhupesh Baghel : छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल क्या दूसरी बार भी जीत दर्ज कर कांग्रेस की सरकार बना पाएंगे। (CG Election 2023) बयानबाजी और बड़े-बड़े दावों के बीच जनता के मन कौन है.. कुछ ही दिनों में पता चल जाएगा। फिलहाल छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़िया वाद छेड़ने वाले प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीति सफर के बाद बारे में बताने जा रहे हैं कि कैसे एक नेता जो परीक्षा में नंबरों से डर जाता था और आज अपने दमदार बयानों और कामों से प्रदेश की सत्ता की भागडोर संभाले हुए हैं।

CM Bhupesh Baghel : सीएम भूपेश बघेल को जानने वाले बताते हैं कि बचपन से वे निडर व्यक्तित्व के साथ छात्र राजनीति करते रहे हैं, लेकिन भूपेश बघेल को परीक्षा में नंबरों से डर लगता था। बता दें कि एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसका जिक्र किया था। जिसके बाद उनका यह बयान सोशल मीडिया में वायरल हो गया।


छात्र राजनीति से सफर हुआ शुरू और बने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राजनीतिक यात्रा भारतीय युवा कांग्रेस के सदस्य के रूप में वर्ष 1985 में शुरू हुई, जिसके बाद 1993 में पाटन से अपना पहला चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश विधानसभा पहुंचे थे। भूपेश बघेल को राजनीति इतनी रास आ गई के छत्तीसगढ़ के दिग्गज कांग्रेस नेताओं के बीच उनकी एक अलग पहचान बन गई।

मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार में रहे मंत्री
1998 में एक बार फिर वे पाटन से मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में जन सरोकार विभाग के राज्यमंत्री और बाद में परिवहन मंत्री बनाए गए। यह सिलसिला यहीं नहीं थमा। वर्ष 2000 में जब छत्तीसगढ़ पृथक राज्य बना तो भूपेश बघेल इसके प्रथम राजस्व मंत्री बने। वे छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के उपनेता के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं।

2014 में बनाए गए थे छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष
2014 में भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। डेढ़ दशक बाद कांग्रेस को इस प्रदेश की सत्ता में लाने में भूपेश बघेल की अग्रणी भूमिका रही। 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के बीच भी अपनी अलग पहचान बना ली है।

भूपेश बघेल का राजनीतिक सफर
- भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को दुर्ग जिले के पाटन तहसील में हुआ था। कुर्मी समाज में इनका खासा जनाधार देखने को मिलता है।
- भूपेश 1985 में यूथ कांग्रेस को ज्वॉइन किया। 1993 में जब मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए तो पहली बार पाटन विधानसभा से वे विधायक चुने गए।
- अगला चुनाव भी वे पाटन से ही जीते, जिसमें उन्होंने बीजेपी के निरुपमा चंद्राकर को हराया।
- मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार बनी, तो भूपेश बघेल कैबिनेट मंत्री बने। साल 1990-94 तक जिला युवा कांग्रेस कमेटी दुर्ग (ग्रामीण) के वे अध्यक्ष रहे।
- साल 1994-95 में मध्यप्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष चुने गए। साल 1999 में मध्यप्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री और साल 1993 से 2001 तक मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर की जिम्मेदारी भूपेश बघेल ने संभाली।
- साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य बना और कांग्रेस की सरकार बनी तब जोगी सरकार में वे कैबिनेट मंत्री रहे।
- 2003 में कांग्रेस जब सत्ता से बाहर हुई तो भूपेश को विपक्ष का उपनेता बनाया गया। साल 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में पाटन से उन्होंने जीत दर्ज की।
- 2008 में बीजेपी के विजय बघेल से भूपेश चुनाव हार गए। फिर साल 2013 में पाटन से उन्होंने जीत दर्ज की। 2014 में उन्हें छत्तीसगढ़ कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।
- अब 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। तेज तर्रार राजनीति और बेबाक अंदाज के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल जाने जाते हैं।
- भूपेश किसानों के मुद्दों पर आक्रामक कौशल के लिए फेमस हैं।