
CG NEET 2024: यदि आपके पास 1.13 करोड़ रुपए है तो निकालिए जेब से और एमबीबीएस की एनआरआई कोटे में सीट पक्की कीजिए। ये झांसा वे एजेंट दे रहे हैं, जो छत्तीसगढ़ के निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे में एडमिशन पक्का बता रहे हैं। यही नहीं वे मध्यप्रदेश, राजस्थान व महाराष्ट्र में मैनेजमेंट व एनआरआई कोटे के लिए भी अलग-अलग फीस बता रहे हैं।
एडमिशन की गारंटी के लिए ये एजेंट मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से मिलवाने की बात भी कहते हैं। उनका दावा है कि वे इस फील्ड में 22 साल से काम कर रहे हैं और छत्तीसगढ़ में भी लंबे समय से काम कर रहे हैं। इसलिए उनकी बातों को एडमिशन की गारंटी मानी जाए। नीट यूजी का आयोजन 5 मई को हुआ था। अभी एनटीए ने मॉडल आंसर भी जारी नहीं किया है और दलाल मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिलाने के लिए सक्रिय हो गए हैं।
पत्रिका रिपोर्टर ने जब पालक बनकर दो एजेंट से बात की। तो पता चला था कि निजी कॉलेजों में एनआरआई कोटे की बुकिंग चल रही है। मुश्किल से दो एजेंटों का नंबर भी मिल गया। 18 मई को एक एजेंट ने प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे में 1 करोड़ 5 लाख रुपए में एडमिशन की गारंटी दी थी। 28 मई को एक अन्य महिला एजेंट ने कम सीटों का हवाला देते हुए एक करोड़ 13 लाख रुपए में एडमिशन कराने की बात कही।
साथ ही ये भी कहा कि उनके एजेंट रायपुर में भी है। पहले भी वे ऐसा काम करवा चुके हैं। महिला एजेंट ने ये भी कहा कि अगर उन्हें पसंद का कॉलेज चाहिए तो छत्तीसगढ़ में 1.30 करोड़ रुपए में एनआरआई की सीट मिल जाएगी। जब पत्रिका रिपोर्टर ने उनसे कहा कि जब सीट पैक हो गई है तो ये सीट कैसे मिलेगी, तब उन्होंने कहा कि वे पहले ही सीट खरीदकर रख लेते हैं। फिर डिमांड के अनुसार इसे बेच देते हैं। दोनों एजेंटों का ये भी कहना था कि प्रवेश के लिए नीट यूजी में क्वालिफाइड होना जरूरी है। 720 में 150 नंबर भी आ जाएगा तो एडमिशन पक्का मानिए।
प्रदेश में तीन निजी मेडिकल कॉलेजों का संचालन हो रहा है। प्रत्येक कॉलेज में 22 के हिसाब से 66 सीटें हैं। नियमानुसार नीट क्वालिफाइड छात्र काउंसिलिंग के माध्यम से एनआरआई व मैनेजमेंट कोटे की सीटों पर प्रवेश ले सकता है। एजेंटों के अनुसार छत्तीसगढ़ में मैनेजमेंट व स्टेट कोटे की फीस समान है इसलिए यहां कॉलेजों से सेटिंग कर केवल एनआरआई कोटे में प्रवेश दिया जाता है।
पत्रिका- एनआरआई कोटे से सीट मिल जाएगी क्या?
एजेंट- जी, प्रवेश मिल जाएगा, 1.05 करोड़ लगेगा।
पत्रिका- मेरे कोई रिश्तेदार एनआरआई नहीं है।
एजेंट- चिंता करने की बात नहीं, हम स्पांसरशिप करवा देंगे।
पत्रिका- ऐेसे कैसे हो सकता है, ये तो अवैध हुआ न।
एजेंट- नहीं, ऐसा ही काम कर रहे हैं। प्रवेश भी मिल रहा है।
पत्रिका- एडमिशन की गारंटी कैसे मानें?
एजेंट- कॉलेज प्रबंधन से भेंट करवा दी जाएगी।
(ये बातचीत 18 मई को हुई थी। इसकी रिकार्डिंग भी पत्रिका के पास है।)
पत्रिका- एनआरआई या मैनेजमेंट कोटे से सीट मिल जाएगी क्या?
एजेंट- मिल जाएगी, 1.13 करोड़ रु. लगेगा। छग में केवल एनआरआई की सीट मिलेगी।
पत्रिका- मध्यप्रदेश, राजस्थान या महाराष्ट्र में भी सीट चाहिए, क्या रेट है?
एजेंट- महाराष्ट्र व राजस्थान में एनआरआई के लिए एकमुश्त 90 लाख व मैनेजमेंट के लिए 17 लाख सालाना लगेगा।
पत्रिका- मेरे रिश्तेदार या परिचित भी एनआरआई नहीं है।
एजेंट- ये काम हम पर छोड़ दीजिए, ये दस्तावेज बनवाने के दो लाख लगेंगे।
पत्रिका- मैं कैसे विश्वास कर लूं कि बिना मेरिट में आए, प्रवेश हो जाएगा।
एजेंट- कॉलेज से बिना सेटिंग एनआरआई कोटे में प्रवेश नहीं हो सकता।
(ये बातचीत 28 मई को हुई। इसकी रिकार्डिंग पत्रिका के पास है।)
जब तक मेरिट सूची न आए, एजेंटों के झांसे में न आए। एजेंट कैसे एडमिशन करा सकते हैं। ये झांसे देने में माहिर होते हैं। डॉक्टर बनने की लालसा में कई पालकों के पैसे डूब गए हैं। अगर कॉलेज एजेंटों के माध्यम से छात्र खोज रहे हैं तो ऐसा नहीं होना चाहिए। एनएमसी मेरिट के अनुसार एडमिशन देने को कहता है। ऐसे में छात्र व पालक एजेंटों से सावधान रहें।
Updated on:
29 May 2024 10:39 am
Published on:
29 May 2024 09:49 am
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
