
राजकीय गीत पर कॉपीराइट को लेकर नया विवाद शुरू ( File photo patrika )
CG News: छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत अरपा पैरी के धार… को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। इसके कॉपीराइट को लेकर राज्य के कलाकारों और संगीत प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे लेकर वे काफी आक्रोशित भी हैं। सोशल मीडिया में इसे लेकर बहस शुरू हो गई हैं।
प्रसिद्ध लोक कलाकार व संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित राकेश तिवारी के अनुसार, यूट्यूब में अरपा पैरी के धार… गाना अपलोड करने पर सुंदरानी चैनल से कॉपीराइट मिलने लगा है। ( CG News) कलाकारों का कहना है कि कोई भी चैनल कैसे इसके लिए अपना दावा कर सकता है? क्या उन्हें गीत के रचनाकार रचना नरेंद्र देव वर्मा ने अधिकार दिया हैं?
कॉपीराइट का उल्लंघन तब होता है जब कोई व्यक्ति कॉपीराइट धारक की अनुमति के बिना उसके काम का उपयोग करता है, लेकिन सुंदरानी चैनल के जिस गाने को लेकर कॉपीराइट मिल रहा है, वो गाना चार माह पहले ही अपलोड किया गया है। तो सवाल ये है कि कैसे चैनल अपने अधिकार का दावा कर सकता है। वही जब इस विषय पर निर्देशक मोहन सुंदरानी से बात की गई तो उनका कहना था कि हमने कोई भी ऐसा काम नहीं किया है। मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
केंदीय प्रयोगशाला सुविधा एवं बौद्धिक संपदा अधिकार केंद्र, छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, डॉ अमित दुबे ने कहा कि वीडियो में कॉपीराइट हो सकता है, लेकिन इस गाने का कॉपीराइट नहीं हो सकता है, क्योंकि ये राजकीय गीत है तथा शासन की अधिसूचना से यह घोषित है। साथ ही इनसे पहले भी कई लोगों ने इसे गाया है और प्रदेश के कार्यक्रमों में इसे गाया जाता है। इसके लिए यूट्यूब को भी लिखा जा सकता है कि ये गीत राजकीय गीत और अधिकृत रूप से है। इसे कोई भी गा सकता है। इसमें कोई भी कॉपीराइट उल्लंघन नहीं है।
ये हो सकता है कि सामने वाले ने वीडियो अपलोड करते समय कुछ तकनीकी गड़बड़ी की हो। जिसके कारण कॉपीराइट आ रहा है। उनको एक नोटिस भी दी जा सकती है और उनके कॉपीराइट क्षेत्र पूछा जा सकता है यानी उन्होंने किस चीज का कॉपीराइट लिया है, क्योंकि किसी चैनल में कोई चीज अपलोड करते हैं तो स्वत: वो आपके नाम से रजिस्टर हो जाती है। उसके बाद यदि कोई और डालते हैं तो पता चल जाता है कि पहले किसने डाला है।
पद्मश्री अनुज शर्मा ने कहा कि राजकीय गीत पर किसी एक का अधिकार नहीं है। यह गीत अब प्रत्येक छत्तीसगढ़िया का है। इसलिए कॉपीराइट जैसा कोई मामला नहीं होना चाहिए।
प्रसिद्ध लोक कलाकार व संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार से समानित राकेश तिवारी ने बताया कि मैं अपने यूट्यूब चैनल में गाबो बजाबो गोठियाबो कार्यक्रम चलाता हूं। जिसमें राज्य के कलाकारों से बातचीत करता हूं। एक कलाकार से बात करने पर उन्होंने राजगीत के कुछ अंतरा भी प्रस्तुत किए। वीडियो अपलोड करने पर उसमें सुंदरानी चैनल से कॉपीराइट आया।
ये समझ नहीं आया, क्योंकि ये गीत तो किसी और ने लिखा है और कई लोगों ने इस गीत को गाया भी है तो किसी का कॉपीराइट या अधिकार इसमें कैसे हो सकता है। अब मैं जल्द ही एक अभियान शुरू करने जा रहा हूं जिसमें गीतों के उत्तराधिकारी से मिलकर इसपर चर्चा करूंगा। उन्होंने कहा कि अरपा पैरी के धार राजगीत है। उसमें किसी को भी कॉपीराइट नहीं लगाना चाहिए। 4 माह पहले अपलोड किए गए गाने के नाम पर कॉपीराइट सामने आ रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
Updated on:
17 Jul 2025 01:37 pm
Published on:
17 Jul 2025 01:35 pm
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