
TDS of employees: छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों का टीडीएस भारतीय स्टेट बैंक ने आयकर विभाग में जमा नहीं कराया। उनकी लापरवाही के चलते कर्मचारियों को नोटिस जारी हो गया। जबकि, अभिकरण द्वारा 2007-08 में 27 लाख 89 हजार 716 रुपए एसबीआई में जमा कराया गया था। लेकिन, बैंक प्रबंधन की लापरवाही के चलते दूसरे खाते में चला गया।
CG News: अभिकरण की अपील पर राज्य आयोग के न्यायमूर्ति एवं अध्यक्ष गौतम चौरड़िया एवं सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा ने प्रकरण की सुनवाई की। साथ ही एसबीआई को पेनाल्टी और ब्याज सहित करीब 1.50 करोड़ रुपए का टीडीएस आयकर विभाग में जमा कराने कहा है। वहीं, वाद व्यय का 15000 रुपए अभिकरण को अदा करने का आदेश दिया है।
TDS of employees: अभिकरण ने दस्तावेजी साक्ष्य सहित जिला फोरम में परिवाद लगाया। इसके खारिज होने पर राज्य आयोग में अपील की। जहां आयोग के न्यायमूर्ति एवं अध्यक्ष ने माना कि एसबीआई द्वारा सेवा में निनता बरती गई है। बैंक प्रबंधन अपनी जिमेदारी से बच नहीं सकता है। उनके कारण ही पेनाल्टी की राशि लगातार बढ़ी।
उल्टे कर्मचारियों और अधिकारियों टीडीएस चोरी का आरोप भी लगा। इसे देखते हुए अभिकरण द्वारा जमा कराई गई रकम 27 लाख 89 हजार 716 रुपए और पेनाल्टी की रकम दो महीने के भीतर जमा करने का आदेश दिया। अधिवक्ता ने बताया कि इसकी कुल रकम करीब 1.50 करोड़ रुपए होती है।
अधिवक्ता हिमांशु ठाकुर ने बताया कि छग ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण अंबिकापुर ने अपने विभाग में काम करने वालों का टीडीएस स्थानीय एसबीआई में जमा कराया था। तीन चालान के जरिए बैंक खाते में राशि जमकर इसकी रसीदें ली। रकम जमा करते समय बताया गया था 2007-08 के टीडीएस की रकम 27 लाख 89 हजार 716 रुपए आयकर विभाग में जमा करना है। लेकिन, बैंक वालों ने इसे अभिकरण द्वारा खोले गए दूसरे खाते में जमा कर दिया।
इसके चलते रकम राज्य सरकार के खाते में जमा हो गई। आयकर विभाग की नोटिस मिलने पर कर्मचारियों और अधिकारियों ने अभिकरण पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया। इसकी जानकारी मिलने पर मामले में जांच करने पर पता चला कि पूरी गलती एसबीआई द्वारा बरती गई है। इसके कारण टीडीएस जमा नहीं हुआ और इसकी रकम लगातार बढ़ रही है।
Updated on:
03 Oct 2024 12:59 pm
Published on:
03 Oct 2024 12:55 pm
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