पासपोर्ट विभाग (CG Passport) से मिली जानकारी के 2007 में सबसे कम 45 और 2023 में रिकॉर्ड 58504 लोगों ने पासपोर्ट बनवाया। इसकी रफ्तार कोरोनाकाल के दौरान 2020 में कम नहीं हुई थी। इस दौरान भी 20736 लोगों ने अपना पासपोर्ट बनवाया था। इसमें हर साल इजाफा हो रहा है। हर साल औसतन 36000 लोग पासपोर्ट बनवाते हैं। ट्रैवल्स संचालकों का कहना है कि हर साल विदेश जाने वालों की संया में इजाफा होने से भी लोग पासपोर्ट बनवाने में रूचि ले रहे हैं। 2007 के पहले पासपोर्ट बनवाने के लिए भोपाल तक दौड़ लगानी पड़ती थी। इसे देखते हुए क्षेत्रीय पासपोर्ट दतर की शुरुआत की गई है।
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इसलिए बढ़ा क्रेज
पासपोर्ट को पहचान पत्र और नागरिकता का एक महत्वपूर्ण अधिकृत दस्तावेज (CG Passport) माना जाता है। इसे देखते हुए अधिकांश शासकीय दस्तावेज के रूप में उपयोग किया जाता है। वहीं विदेश यात्रा पर जाने का अवसर मिलने पर इसकी अनिवार्यता जरूरी है। इसे देखते हुए युवा वर्ग के लोग बेहतर नौकरी और अच्छी शिक्षा के लिए विदेशों की ओर रूख कर रहे हैं। रायपुर में अस्थायी वीजा शिविर लगाने के कारण भी लोगों पासपोर्ट बनवा रहे हैं।
यह है नियम
पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदनकर्ता को पहचान के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, मार्कशीट, पैन कार्ड, बैंक या डाकघर का पासबुक, शस्त्र अधिनियम के तहत जारी लाइसेंस, सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी द्वारा सेवा फोटो पहचान पत्र या रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के अधीन जारी जन्म प्रमाण पत्र में कोई तीन प्रमुख पहचान देना अनिवार्य है। इसका आवेदन ऑनलाइन या फिर पासपोर्ट (CG Passport) सेवा केंद्र के जरिए जमा करने पर इसकी जांच की जाती है। सामान्य पासपोर्ट के लिए 1500 और अर्जेंट के लिए 3500 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है।
CG Passport: मेडिकल की पढ़ाई
बिलासपुर के सिद्धार्थ साहू व तन्मय ठाकुर का कहना है कि किर्गिस्तान में माहौल खराब है। वे बाहर नहीं निकल रहे हैं। कॉलेज भी नहीं जा रहे हैं, लेकिन हॉस्टल में पढ़ाई चल रही है। मेडिकल की पढ़ाई कठिन होती है इसलिए हॉस्टल में ही पढ़ाई कर रहे हैं। भारत से पैरेंट्स का रोज फोन आता है। वे चिंतित है कि कहीं उनकी पढ़ाई कहीं पूरी तरह बाधित न हो जाए। पैरेंट्स ये सोचकर भेजे थे कि किर्गिस्तान (CG Passport) में मेडिकल की पढ़ाई कर डॉक्टर बन जाएंगे।
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अचानक माहौल खराब होने से सभी चिंतित है। फिर भी उन्हें उमीद है कि आने वाले दिनों में माहौल ठीक होगा और वे पहले की तरह नियमित रूप से मेडिकल कॉलेज जाएंगे। इससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होगी। पैरेंट्स माहौल सामान्य होने तक कॉलेज नहीं जाने की समझाइए भी दे रहे हैं। उनका कहना है कि एमबीबीएस की पढ़ाई कॉलेज (CG Passport) जाने के बजाय वर्चुअल कर लें। छात्रों का कहना है कि यहां हमेशा माहौल अच्छा रहता है, लेकिन पता नहीं क्यों पाकिस्तानी छात्रों से मारपीट हो गई। इससे वे भी काफी डरे हुए हैं और होस्टल से बाहर निकलने से बच रहे हैं ताकि हमले की आशंका न रहे।
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी गौरव गर्ग का कहना है कि विदेश यात्रा के लिए अनिवार्यता होने के कारण पासपोर्ट (CG Passport) बनवाने वालों की संया में हर साल इजाफा हो रहा है। लोग अपनी जरूरत के अनुसार स्वयं के साथ ही परिजनों का पासपोर्ट भी बनवा रहे हैं।