
Chhattisgarh Politics : पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया को बड़ा झटका लगा है। जिस आलीशान सामुदायिक भवन में शकुन डहरिया ने कब्जा कर रखा था, उसे हटाने के लिए अब जोन कमिश्नर दिनेश कोसरिया ने 72 घंटे की नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा है कि कब्जा नियम विरुद्ध है। जबकि इसी जोन से इस सामुदायिक भवन में आधुनिक सुविधाएं सरकारी कोष से उपलब्ध कराई गईं थीं। यह मुद्दा निगम की सामान्य सभा में गूंजने के दूसरे दिन गुरुवार को आयुक्त अविनाश मिश्रा ने तीन अफसरों की जांच कमेटी बनाकर 10 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है।
माना जा रहा है कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। हैरानी ये कि आवंटन संबंधी प्रस्ताव सामान्य सभा में भी कभी लाया नहीं गया। दस्तावेजों से यह सामने आया कि मंत्री डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया की समिति की ओर से 3600 वर्गफीट जमीन की मांग की गई थी। जिसका अनुमोदन महापौर परिषद ने 2022 में एक लाइन प्रस्ताव पारित किया था।
इन्हें सौंपा जांच का जिम्मा
मामले की जांच करने का जिम्मा उपायुक्त श्रीकृष्णा खटिक, उपायुक्त आरके डोंगरे और कार्यपालन अभियंता राजेश राठौर को सौंपा गया है। इस जांच कमेटी से निगम आयुक्त ने 10 दिन के अंदर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
ऐसी सुविधाओं से लैस है सामुदायिक भवन
कांग्रेस सरकार में डॉ. शिव डहरिया नगरीय प्रशासन मंत्री थे। उनके कार्यकाल में तेलीबांधा के शताब्दी नगर में स्मार्ट सिटी कंपनी और निगम के जोन 10 ने 3 करोड़ 50 लाख रुपए में आलिशान सामुदायिक भवन किया। सामुदायिक भवन में आकर्षक चित्रकारी के साथ लॉन तैयार किया गया। माड्युलर किचन, डाइनिंग टेबल, बड़ा एलईडी टीवी, लक्जरी सोफा जैसी सुविधाएं जुटाई गईं।
पूरा परिसर अटल आवास के दायरे का
गुरु घासीदास वार्ड 49 के अंतर्गत तेलीबांधा का शताब्दीनगर में गरीब के लिए अटल आवास बनाए गए थे। जर्जर हो जाने पर अटल आवास परिसर को नगर निगम ने तोड़ दिया। जिस पर लगभग 15 हजार वर्गफीट में ऊंची बाउंड्री कराने के साथ ही आलिशान सामुदायिक भवन का निर्माण सरकारी खजाने से किया। जबकि सामुदायिक भवन बनने पर मंत्री डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया की राजश्री सद्भावना समिति को नगर निगम द्वारा आवंटित नहीं किया गया था। यह पूरा मामला निगम की सामान्य सभा में जमकर गूंजा।
मुझे टारगेट किया जा रहा: डहरिया
मामला सामने आने के बाद मंत्री शिव कुमार डहरिया ने पत्रकारवार्ता में निगम के नोटिस को खारिज करते हुए कहा कि निगम की एमआईसी से स्वीकृति मिली थी। इस मामले को लेकर उनके परिवार को राजनीतिक रूप से टारगेट किया जा रहा है। परंतु वे निगम से आवंटन पत्र नहीं दिखा पाए।
Published on:
23 Feb 2024 09:38 am
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