रायपुर

CGPSC टॉपर्स बोलें- धैर्य के साथ लगातार अध्ययन ने दिलाई सफलता, बने डिप्टी कलेक्टर

CGPSC result 2021 : प्रतिभागियों ने पत्रिका से अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि लगातार अध्ययन और धैर्य के कारण ही उन्होंने यह उपलिब्ध हासिल की है।

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May 12, 2023
CGPSC टॉपर्स बोलें- धैर्य के साथ लगातार अध्ययन ने दिलाई सफलता, बने डिप्टी कलेक्टर

रायपुर. CGPSC result 2021 : छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने गुरुवार रात पीएससी 2021 के नतीजे जारी कर दिए। कुल 171 पदों के लिए परीक्षाएं हुईं थीं। कोई पहले प्रयास में पीएससी क्रैक किया तो किसी ने दूसरे और तीसरे प्रयास में कामयाबी हासिल की। प्रतिभागियों ने पत्रिका से अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि लगातार अध्ययन और धैर्य के कारण ही उन्होंने यह उपलिब्ध हासिल की है।

को-ऑपरेटिव इंस्पेक्टर हैं प्रिंसी
राजधानी के कुशालपुर निवासी प्रिंसी तंबोली तीसरे प्रयास में डिप्टी कलेक्टर बन पाईं। वे फिलहाल को-ऑपरेटिव इंस्पेक्टर के पद पर हैं। उनकी पोस्टिंग इंद्रावती भवन में है। दसवां स्थान हासिल करने वाली प्रिंसी ने बताया, शासकीय राधाबाई कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन के बाद मैं सीए बनना चाहती थी, लेकिन सफल नहीं हो पाई। मैंने पीएससी के लिए तैयारी शुरू की। मैंने बिलासपुर में कोचिंग की और सिलेबस के हिसाब से लिमिटेड कोर्स की पढ़ाई की। नोट रिवाइज करना और टेस्ट सीरीज सॉल्व करना मेरे स्ट्रैटजी रही। इंटरव्यू में मुझे उसी सहकारिता पर सवाल पूछे गए। मन में अभी भी कई संशय चल रहे थे। मैंने पीएससी 2022 प्री दिया था।

इंजीनियर-एमबीए की डिग्री, अब डीसी बने शशांक

राजधानी के शशांक गोयल ने थर्ड रैंक हासिल की है। एनआईटी से इंजीनियरिंग के बाद आईआईएम रांची से एमबीए किया। अभी वे बिलासपुर में सब रजिस्ट्रार हैं। उन्होंने बताया, पांच-छह साल से तैयारी कर रहा था। अब जाकर सफलता हाथ लगी।

टॉपर के भाई प्रखर को 20वीं रैंक
डीडीयू नगर रायपुर के प्रखर नायक ने 20वीं रैंक प्राप्त की है। वे टॉपर प्रज्ञा के भाई हैं। दोनों के चयन पर घर में खुशियों का माहौल है। उन्होंने एनआईटी रायपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद दो साल तक दिल्ली में रहकर सिविल सर्विसेस की तैयारी की। वापस आकर सीजी पीएससी के लिए जुट गए। नोट्स और रिवीजन के चलते सक्सेस रहे। पिछले दो प्रयास में जो कमियां रही उस पर फोकस किया और तीसरी कोशिश कामयाब रही।

पिता से प्रेरित भाई-बहन का सेलेक्शन

पिता से प्रेरित होकर भिलाई के भाई-बहन ने पीएससी क्रैक कर लिया। नेहा खलखो को 13वीं रैंक और भाई निखिल को 17वीं रैंक मिली है। पिता अमृत कुमार खलखो राज्यपाल के सचिव हैं। दोनों ने चहकते हुए बताया कि बचपन से ही पैरेंट्स से प्रभावित रहे। इसलिए हमने सिविल सर्विसेस को लक्ष्य बनाया। हमारी सफलता का पूरा श्रेय पैरेंट्स और टीचर्स को जाता है। नेहा बताती हैं, मैंने 2013 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी। आगे चलकर पीएससी की तैयारी शुरू की। हालांकि मुझे दूसरे प्रयास में सफलता मिली। मैं खुद तो पढ़ती थी, एक कोचिंग में पढ़ाया भी करती थी। इसलिए मेरा रिवीजन अच्छा होता गया।

चौथे प्रयास ने दिलाई कामयाबी

जांजगीर के बिर्रा निवासी अमित भारद्वाज डिप्टी कलेक्टर बने हैं। उन्हें मेरिट में छठवां स्थान मिला है। अमित ने पत्रिका से बातचीत में बताया, यह मेरा चौथा प्रयास था। हालांकि मैंने कभी सोचा नहीं था कि डिप्टी कलेक्टर बन जाऊंगा। मैंने बिलासपुर से बीए किया और तैयारी में जुट गया। तीन बार मेंस देने के बाद मुझे अनुभव हुआ कि कोई भी सवाल छोडऩा नहीं है। हर सवाल प्वाइंट वाइज डील करना है। पहला पेपर लेंग्वेज का होता है, जो कि स्कोरिंग होता है। इसे अच्छे से सॉल्व कर स्कोरिंग करना जरूरी है। इंटरव्यू में मुझसे जांजगीर जिले की खासियत पूछी गई। अमित के पिता कोरिया में डिप्टी कलेक्टर हैं।

जैसे- वहां धान ज्यादा क्यों होता है। अनुसूचित जाति की संख्या क्यों ज्यादा है। सबसे टेेक्निकल सवाल यह पूछा गया कि कौन से अधिनियम के तहत कलेक्टर और जिला दंडाधिकारी कहा जाता है। मेेरे सारे सवालों से पैनल इंप्रेस हुआ।

Published on:
12 May 2023 12:28 pm
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