
छत्तीसगढ़ में जमीन-मकान हुईं महंगी(photo-patrika)
CG Real estate: छत्तीसगढ़ में संपत्ति बाजार से जुड़ा एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लागू कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए स्वीकृत नई गाइडलाइन दरें 20 नवंबर 2025 से प्रदेशभर में प्रभावी हो गई हैं। केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की मंजूरी के बाद लागू इन दरों से संपत्तियों के बाजार मूल्य में औसतन 20 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है।
लगभग पांच वर्षों के अंतराल के बाद किए गए इस पुनरीक्षण का उद्देश्य संपत्ति मूल्यांकन प्रणाली को अधिक पारदर्शी, तार्किक और व्यावहारिक बनाना है, ताकि वास्तविक बाजार मूल्य और शासकीय दरों के बीच की खाई को पाटा जा सके।
नई गाइडलाइन दरों को तैयार करते समय व्यापक बाजार अध्ययन किया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना रहा कि सरकारी मूल्यांकन, खुले बाजार में चल रहे वास्तविक सौदों के अधिक करीब हो। उदाहरण के तौर पर महासमुंद जिले के रायपुर मार्ग पर स्थित मुख्य सड़क की दर 32,500 रुपये प्रति वर्गमीटर निर्धारित की गई है।
इसी तरह, नगरीय परिसीमन के बाद यतियतनलाल वार्ड जैसे क्षेत्रों में दरों का युक्तियुक्त पुनरीक्षण किया गया है, जहां पहले 4,800 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर को बढ़ाकर अब 9,000 रुपये किया गया है।
बीते वर्षों में गाइडलाइन दरों के समय पर पुनरीक्षण नहीं होने से शहरी इलाकों में कई विसंगतियां उत्पन्न हो गई थीं। कई वार्डों और मोहल्लों में एक जैसी भौगोलिक और व्यावसायिक स्थिति के बावजूद अलग-अलग दरें लागू थीं, जिससे आम नागरिकों को संपत्ति के सही मूल्य निर्धारण में कठिनाई होती थी।
नई गाइडलाइन में इन सभी विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया गया है। इसके तहत नगर पालिका क्षेत्रों में कंडिकाओं की संख्या 200 से घटाकर 102 कर दी गई है, जिससे दरों की गणना प्रक्रिया सरल और स्पष्ट हो गई है।
राज्य सरकार ने नई व्यवस्था में ‘समान परिस्थिति–समान दर’ के सिद्धांत को अपनाया है। इसके तहत अब एक ही सड़क के दोनों ओर स्थित संपत्तियों की दरों में अनावश्यक अंतर नहीं रहेगा। रायपुर के शंकर नगर से पुष्पा पेट्रोल पंप और पंकज सोनी के मकान तक के क्षेत्रों में दरों को संतुलित करते हुए युक्तिसंगत वृद्धि की गई है।
नई गाइडलाइन दरों के लागू होने से स्टांप शुल्क और पंजीयन प्रक्रिया में पारदर्शिता आने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे न केवल राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि संपत्ति लेनदेन में होने वाली अनियमितताओं और संभावित भ्रष्टाचार पर भी प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। कुल मिलाकर, राज्य सरकार का यह कदम संपत्ति बाजार को सुव्यवस्थित करने और आम नागरिकों को स्पष्ट एवं भरोसेमंद मूल्यांकन प्रणाली उपलब्ध कराने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।
Published on:
21 Dec 2025 03:52 pm
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