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इंस्पेक्टर को भी नहीं छोड़ा साइबर ठगों ने… इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर के नाम पर की लाखों की ठगी, FIR दर्ज

Cyber Crime In Raipur : इंस्पेक्टर ने इलेक्ट्रानिक स्कूटर खरीदने के लिए गूगल में कंपनी सर्च किया। इसके बाद उसमें मिले नंबर पर कॉल किया। दूसरी ओर से साइबर ठगों ने कंपनी वाला बनकर उनसे राशि जमा करवा लिया, लेकिन ईवी नहीं भेजा।

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Cyber Crime In Chhattisgarh : साइबर ठग अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। रेलवे विभाग के एक सीनियर इंस्पेक्टर भी साइबर ठगों के झांसे में आ गए। इंस्पेक्टर ने इलेक्ट्रानिक स्कूटर खरीदने के लिए गूगल में कंपनी सर्च किया। इसके बाद उसमें मिले नंबर पर कॉल किया। दूसरी ओर से साइबर ठगों ने कंपनी वाला बनकर उनसे राशि जमा करवा लिया, लेकिन ईवी नहीं भेजा। आरोपियों ने उनसे 1.20 लाख रुपए की ठगी की है। इसकी शिकायत पर तेलीबांधा पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।

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पुलिस के मुताबिक मुताबिक एसएस कुमार रेलवे के लेखा विभाग में सीनियर इंस्पेक्टर है। उन्होंने 24 नवंबर को गूगल में ईवी खरीदने के लिए कंपनी सर्च किया। उन्होंने सिंपल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड बैंगलुरू का संपर्क निकाला और उससे बातचीत की। कंपनी वालों ने ईवी के लिए एडवांस बुकिंग के तौर पर 20 हजार रुपए जमा करवाया। उन्होंने राशि जमा कर दिया। इसके अगले दिन उसने बुकिंग दस्तावेज बनाने के लिए आधार कार्ड, पेन कार्ड और दो फोटो मांगा।

कुमार ने अपनी पत्नी के फोटो, आधार कार्ड, पेन कार्ड और फोटो उसे वाट्सऐप कर दिया। इसके बाद उसने आरटीओ व इंश्योरेंस के लिए 31 हजार 660 रुपए ट्रांसफर करने कहा। कुमार ने फिर उतनी राशि फोन पे के जरिए उसे ट्रांसफर कर दिया। अगले दिन उसने फिर फोन किया और ट्रांसपोर्टिंग और बार्डर क्रासिंग के लिए 32 हजार 500 रुपए की मांग किया। पीडि़त ने फिर उतनी राशि उसे ट्रांसफर कर दिया। दो दिन बाद फिर उसी व्यक्ति ने उन्हें कॉल किया और बोला कि आपका ईवी लेकर ट्रक भिलाई पहुंच गया।

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अब फाइनल पेमेंट के रूप में 35 हजार 840 रुपए देने पर ईवी मिल जाएगा। पीडि़त ने फिर उतनी राशि उसे ट्रांसफर कर दिया और वह डिलीवरी वाहन का इंतजार करने लगा, लेकिन उस दिन ट्रक नहीं पहुंचा। पीडि़त ठगों को बताए बैंक खातों में कुल 1 लाख 20 हजार रुपए जमा कर चुका था। ईवी नहीं आने पर उन्होंने कंपनी के मैनेजर को कॉल किया। मैनेजर ने कहा कि डिलीवरी के लिए फाइन चार्ज के रूप में 16 हजार रुपए और जमा करना होगा। यह सुनते ही इंस्पेक्टर को ऑनलाइन ठगी होने का एहसास हुआ। उन्होंने पैसा जमा नहीं किया। पूरे मामले की शिकायत तेलीबांधा थाने में कर दिया। पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।

फर्जी वेबसाइट बनाकर रहते हैं सक्रिय

साइबर ठगी करने वाले अलग-अलग नाम से कई फर्जी वेबसाइट बनाकर सक्रिय रहते हैं। इनके जरिए कपड़े, जूते, इलेक्ट्रानिक्स सामान आदि ऑनलाइन बेचने के नाम पर लोगों को झांसा देते हैं। इसके बाद भुगतान के दौरान झांसा देकर ठगी करते हैं। ऑनलाइन ठगी के ऐसे कई मामले रायपुर में सामने आ चुके हैं।