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प्रतियोगी परीक्षा : छत्तीसगढ़ 21 साल से झेल रहा फर्जीवाड़े का दंश, नीट जैसा घोटाला 13 साल पहले हो चुका

नीट जैसा फर्जीवाड़ा प्रदेश में 13 साल पहले हो चुका है। इसके बाद भी यहां के प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी जारी है। रविवार को व्यापमं की ओर आयोजित हुए सीजीटेट के प्रश्नों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

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प्रतियोगी परीक्षा ... नाम सुनते ही शिक्षित युवाओं और उनके परिजनों में राज्य लोकसेवा आयोग, संघ लोकसेवा आयोग, व्यावसायिक परीक्षा मंडल, नीट आदि परीक्षाओं का नाम जुबान पर आ जाता है। परीक्षा की तैयारी में लाखों रुपए और कई साल लगाने के बाद सफलता मिलती है, लेकिन अचानक इसमें फर्जीवाड़े का खुलासा होने से उनकी मेहनत में पानी फिर जाता है। छत्तीसगढ़ के युवा पिछले 21 साल से इस तरह के फर्जीवाड़े का दंश झेल रहे हैं। सीजीपीएससी, सीजीपीएमटी, शिक्षाकर्मी, व्यापमं आदि में कई तरह की गड़बडि़यां उजागर हुईं, जिससे प्रतिभाशाली युवाओं का हक मारा गया। आज भी इस तरह के फर्जीवाड़े में जांच, एफआईआर तक ही सरकार सिमटी है। कोई फुलफ्रूप सिस्टम नहीं बना पाई है। इसका ताजा उदाहरण वर्ष 2021-22 का पीएससी फर्जीवाड़ा है। नीट जैसा फर्जीवाड़ा प्रदेश में 13 साल पहले हो चुका है। इसके बाद भी यहां के प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी जारी है। रविवार को व्यापमं की ओर आयोजित हुए सीजीटेट के प्रश्नों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।पेपर कैसे पहुंचा गिरोह तक? अब तक खुलासा नहीं

प्रदेश में व्यापमं द्वारा आयोजित सीजीपीएमटी 2011 में घोटाला हुआ। इसमें प्री मेडिकल टेस्ट का परचा लीक हुआ। सुनियोजित ढंग से गिरोह ने परचा लीक किया और विद्यार्थियों को बेचकर करोड़ों रुपए कमाए। पुलिस ने बेदीराम वर्मा, दीनाराम वर्मा दो भाइयों सहित कुछ और लोगों को जेल भेजा। अब तक यह पता नहीं चल पाया कि पीएमटी का परचा उन तक पहुंचा कैसे? इसके पीछे व्यापमं के अधिकारी शामिल थे या पेपर सेट करने वाले? इसी तरह का घोटाला अब नीट में हुआ है। इसके बाद मुन्नाभाई वाला मामला भी सामने आया है।

सीजीपीएससी में गड़बड़ी1-2003 में पीएससी की चयन सूची गड़बड़ी। स्केलिंग में गड़बड़ी करके चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने का मामला।2-2005 में पीएससी के इंटरव्यू का ऑडियो वायरल हो गया।

3.2008 में परीक्षा पैटर्न बदलने पर बवाल। 2011 तक मेंस में ऑब्जेक्टिव सवाल पूछे गए थे।

4. 2012 में मेंस में सात पेपर की लिखित परीक्षा का प्रावधान किया गया। इस पर भी विवाद।

5. 2013 में प्रीलिम्स के मॉडल उत्तर को लेकर अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई। सुनवाई नहीं हुई।6. 2016 में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में इंग्लिश के 100 में से 47 सवाल गलत। परीक्षा ही रद्द।7. 2017 में पीएससी प्रारंभिक परीक्षा में कई गलत सवाल पूछे गए थे। इस पर काफी हंगामा हुआ।

8. 2018 में इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा में पीएससी ने जो विकल्प दिए थे, उस पर विवाद हुआ।

9. 2019 से मॉडल उत्तर पर आपत्ति तो मंगाई गई, लेकिन संशोधित उत्तर भर्ती प्रक्रिया खत्म होने के बाद जारी की गई। इसे लेकर छात्रों में अभी भी काफी नाराजगी।10. 2020 में प्रीलिम्स का स्तर कठिन। अभ्यर्थी आज भी इसमें बदलाव की मांग कर रहे हैं।11. 2021 में चयन पर उठे सवाल। मामला कोर्ट में गया। तत्कालीन चेयरमैन पर ईओडब्ल्यू में केस।

12. 2022 में मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन पर सवाल। सवाल सोशल मीडिया पर वायरल।अपैक्स बैंक भर्ती

-व्यापमं द्वारा अपेक्स बैंक के 407 पदों के लिए हुई भर्ती पर सवाल उठे। चयन के बाद भी नियुक्ति नहीं होने को लेकर बवाल हुआ।

एसआई भर्ती-वर्ष 2018 में शुरू हुई एसआई भर्ती विवादित रहीशिक्षक भर्ती

-शिक्षकों के 14580 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा और बाद में चयनसूची को लेकर सवाल उठेसीजीटेट

-रविवार को हुए सीजीटेट के परीक्षा के कुछ सवालों को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।