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Crime News: पाकिस्तान बॉर्डर से हुआ था गिरफ्तार, जमानत मिलते ही फिर शुरू किया धंधा

रायपुर का हिस्ट्रीशीटर ही पंजाब में ड्रग्स माफिया है। वह लंबे समय से रायपुर में हेरोइन, ब्राउन शुगर भेज रहा है। इसे ड्रग्स पैडलर शहर के अलग-अलग इलाकों में बेच रहे हैं। आरोपी पाकिस्तान बार्डर पर बड़ी मात्रा में हथियार और ड्रग्स के साथ पकड़ा गया था। जमानत पर छूटने के बाद फिर सक्रिय हो गया है। अब स्टूडेंट्स को टारगेट कर रहे हैं। इसके लिए वाट्सऐप ग्रुप तक बना रखा है।

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Crime News: पाकिस्तान बॉर्डर से हुआ था गिरफ्तार, जमानत मिलते ही फिर शुरू किया धंधा

Crime News: पाकिस्तान बॉर्डर से हुआ था गिरफ्तार, जमानत मिलते ही फिर शुरू किया धंधा

रायपुर के कई ड्रग्स पैडलर उसके संपर्क में

सूत्रों के मुताबिक हीरापुर में रहने वाला पिंदर पंजाब में बड़े ड्रग्स माफिया के तौर पर काम कर रहा है। वहां से ड्रग्स रायपुर भेज रहा है। रायपुर के कई ड्रग्स पैडलर उसके संपर्क में हैं। उनके पास वह ड्रग्स सप्लाई कर रहा है। पिंदर हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ कबीर नगर, सरस्वती नगर, आमानाका में कई मामले दर्ज हैं। ब्राउन तस्करी में गिरफ्तार भी हो चुका है। वह रायपुर से फरार होकर पंजाब गया। वहां से ड्रग्स रायपुर भेजने लगा। पाकिस्तान बॉर्डर में धरा गया था। आरोपियों से बड़ी मात्रा में ड्रग्स के साथ 10 से अधिक पिस्टल व अन्य हथियार भी मिला था।

पूछताछ में यह खुलासा

कबीर नगर में पकड़े गए मनमोहन ने पूछताछ में खुलासा किया है कि पिंदर ही उसके पास हेरोइन भेजता है। इनके टारगेट में ट्रांसपोर्टिंग लाइन में काम करने वाले थे, लेकिन अब स्टूडेंट्स को भी टारगेट कर रहे हैं। सीए व अन्य स्टूडेंट्स को भी ड्रग्स के आदी बना रहे हैं।

12 हजार तक में बेच रहे

पंजाब में हेरोइन 2-3 हजार में 1 ग्राम मिलती है, यहां उसे 5 से 12 हजार रुपए तक में बेच रहे हैं। आरोपी मनमोहन ने वाट्सऐप ग्रुप बना रखा था। इसमें भुगतान के लिए क्यूआर कोड, हेरोइन की फोटो-वीडियो आदि शेयर किए जाते थे। पहले पकड़े जा चुके लवजीत और सुवित के गिरोह की तरह ये भी काम करते थे। वाट्सऐप में ड्रग्स का आर्डर का लेते थे। इसे बाद पैसा मिलने के बाद किसी स्थान में ड्रग्स छोड़कर उसका वीडियो कंज्यूमर को भेजते थे। कंज्यूमर वहां से ड्रग्स ले लेता था। ये घर जाकर भी ड्रग्स देते थे।

कई युवाओं का मिला नंबर

आरोपियों के मोबाइल में कई युवक-युवतियों के नंबर मिले हैं, जिन्हें कंज्यूमर माना जा रहा है। पुलिस उनसे भी पूछताछ करेगी। हेरोइन बेचने के लिए वर्चुअल मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते थे, ताकि किसी को भनक तक न लगे।