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CWC की काउंसिलिंग में होंगे कई खुलासे, बचपन बचाओ आंदोलन के तहत कर रहे सक्रियता से कार्य

* डीटीएफ (TDF) की बड़ी कार्रवाई से हुआ खुलासा (child labour), बिस्किट फैक्ट्री ( Parle G biscuit ) में बच्चों से कराते थे 12 घंटे काम, रेस्क्यू किये गए बच्चों कि होगी तीन चरण में काउंसिलिंग

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CWC की काउंसिलिंग में होंगे कई खुलासे, बचपन बचाओ आंदोलन ने सराहा 27 मासूमों की जान

रायपुर। शुक्रवार को जिला टॉस्क फोर्स ने पारले जी बिस्किट ( Parle G biscuit ) कंपनी से 27 बच्चों (child labour) को आजाद कराया था। इनमें से 9 बच्चे मध्यप्रदेश, झारखंड, ओडिशा और महाराष्ट्र के है। शुक्रवार देर रात को महिला बाल विकास की बाल संरक्षण (Child protection of child development) इकाई द्वारा बिस्किट कंपनी संचालक के खिलाफ जेजे एक्ट की धारा 79 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बच्चों का थाने में बयान भी हुआ था जिसमें बच्चों ने बताया कि उनसे 12 घंटे काम कराया जाता है। रात में ही सारे बच्चों को माना स्थित बालगृह में भेजा गया। शनिवार को कुछ बच्चों की काउंसिलिंग की गई।

काउंसिलिंग तीन चरणों में की जाएगी
जिला बाल सरंक्षण अधिकारी नवनीत स्वर्णकार ने बताया कि बच्चों की काउंसिलिंग तीन चरणों में की जाएगी। इसके बाद बहुत सी बातों का खुलासा होगा। उसके आधार पर कई सारी धाराएं लग सकती है। उन्होंने बताया कि रविवार को सीडब्ल्यूसी ( Central Warehousing Corporation) की विशेष बैठक बुलाई गई है जिसमें सारे बच्चों की काउंसिलिंग के बाद ही जेजे एक्ट, आईपीसी के तहत कई धाराए लग सकती है।

टॉस्क फोर्स टीम का हिस्सा बचपन बचाओं आंदोलन के संदीप राव ने बताया कि कंपनी संचालक पर बाल श्रम अधिनियम के तहत धारा 3, 3(ए) और धारा 14 के तहत कार्रवाई होना चाहिए। इसी तरह आईपीसी की धारा 370 और बंधुआ मजदूर (child labour) की धारा के तहत कार्रवाई होना चाहिए। उन्होंने बताया कि 27 बच्चों में से 9 बच्चे बाहर के है इस कारण ही बंधुआ मजदूर (child labor industrial revolution) की धारा लगनी चाहिए।