राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि सरकार ने पिछले दिनों फसलों का नजरी सर्वेक्षण कराया था। इसके अलावा मुख्यालय के अधिकारियों की तीन अंतरविभागीय टीमों ने भी अवर्षा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। उसी रिपोर्ट के आधार पर रायपुर, बलौदा बाजार, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, राजनांदगांव, कबीरधाम, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, कोरबा, रायगढ़, कोरिया, नारायणपुर और बीजापुर जिलों की ९६ तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित कर दिया गया है। पिछले 10 वर्षों में दूसरी बार प्रदेश के इतनी तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित करना पड़ा है।
इन तहसीलों में सूखा
रायपुर, तिल्दा, अभनपुर, आरंग, बलोदाबाजार, सिमगा, भाटापारा, पलारी, कसडोल, बिलाईगढ़, गरियाबंद, छुरा, मैनपुर, महासमुंद, बसना, सरायपाली, पिथौरा, बागबहरा, कुरूद, धमतरी, मगरलोड, नगरी, धमधा, दुर्ग, पाटन, बेमेतरा, बेरला, साजा, थान खम्हरिया, नवागढ़, गुण्डरदेही, डौंडी-लोहारा, डौंडी, गुरूर, छुईखदान, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगावं, छुरिया, अम्बागढ़ चैकी, मोहला, मानपुर, डोंगरगांव, कवर्धा, पण्डरिया, बोड़ला, सहसपुर-लोहारा, माकड़ी, फरसगांव, बड़ेराजपुर, केसकाल, गीदम, दंतेवाड़ा, कटेकल्याण, कुआकोण्डा, बड़ेबचेली, कांकेर, चारामा, नरहरपुर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, पंखाजूर, दुर्गकोंदल, बिल्हा, मस्तूरी, मरवाही, कोटा, तखतपुर, बिलासपुर, पेण्ड्रारोड, पेण्ड्रा, मुंगेली, लोरमी, पथरिया, जैजेपुर, डभरा, अकलतरा, बलोदा, पाली, रायगढ़, सारंगढ़, धर्मजयगढ़, पुसौर, बरमकेला, तमनार, बैकुण्ठपुर, सोनहत, खडग़ंवा, मनेन्द्रगढ़, भरतपुर, नारायणपुर, ओरछा, बीजापुर, भोपालपट्नम, भैरमगढ़, उसूर।
रायपुर, तिल्दा, अभनपुर, आरंग, बलोदाबाजार, सिमगा, भाटापारा, पलारी, कसडोल, बिलाईगढ़, गरियाबंद, छुरा, मैनपुर, महासमुंद, बसना, सरायपाली, पिथौरा, बागबहरा, कुरूद, धमतरी, मगरलोड, नगरी, धमधा, दुर्ग, पाटन, बेमेतरा, बेरला, साजा, थान खम्हरिया, नवागढ़, गुण्डरदेही, डौंडी-लोहारा, डौंडी, गुरूर, छुईखदान, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगावं, छुरिया, अम्बागढ़ चैकी, मोहला, मानपुर, डोंगरगांव, कवर्धा, पण्डरिया, बोड़ला, सहसपुर-लोहारा, माकड़ी, फरसगांव, बड़ेराजपुर, केसकाल, गीदम, दंतेवाड़ा, कटेकल्याण, कुआकोण्डा, बड़ेबचेली, कांकेर, चारामा, नरहरपुर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, पंखाजूर, दुर्गकोंदल, बिल्हा, मस्तूरी, मरवाही, कोटा, तखतपुर, बिलासपुर, पेण्ड्रारोड, पेण्ड्रा, मुंगेली, लोरमी, पथरिया, जैजेपुर, डभरा, अकलतरा, बलोदा, पाली, रायगढ़, सारंगढ़, धर्मजयगढ़, पुसौर, बरमकेला, तमनार, बैकुण्ठपुर, सोनहत, खडग़ंवा, मनेन्द्रगढ़, भरतपुर, नारायणपुर, ओरछा, बीजापुर, भोपालपट्नम, भैरमगढ़, उसूर।
राहत के लिए एेसे उपाय सिंचाई पम्पों को बिजली- ऊर्जा विभाग को बाधारहित बिजली देने का निर्देश दिया गया है। खराब ट्रांसफार्मरों को बदला जाएगा।
नालों पर बंधान – छोटे नालों को बंधान बनाने के लिए मनरेगा से राशि जारी होगी। काम तत्काल शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
एक क्विंटल रिजर्व चावल – लोगों को भूखमरी से बचाने के लिए प्रत्येक गांव में एक क्विंटल चावल रिजर्व रखा जाएगा। इसका चार्ज सरपंच के पास होगा।
किसानों का लगान माफ – सूखा प्रभावित तहसीलों में किसानों का भू-राजस्व माफ कर दिया गया है। वहीं प्रभावित किसानों को बीमा राशि दिलाने का भरोसा दिलाया गया।
किसानों का लगान माफ – सूखा प्रभावित तहसीलों में किसानों का भू-राजस्व माफ कर दिया गया है। वहीं प्रभावित किसानों को बीमा राशि दिलाने का भरोसा दिलाया गया।
बाद में मुआवजा – फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार बाद में मुआवजा देगी। मुआवजे की राशि फसल कटाई के बाद आई अनावारी रिपोर्ट के आधार पर तय होगा।
बॉक्स बड़ी राहत के लिए केंद्र के भरोसे
सूखा प्रभावित तहसीलों में बड़ी राहत के लिए सरकार केंद्र के भरोसे है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने बताया कि केंद्र सरकार को सूखे पर विस्तृत मेमोरेंडम भेजा जाएगा। इसके अलावा मनरेगा में 100 की जगह 200 दिन रोजगार दिलाने का प्रस्ताव होगा। पेयजल समस्या के समाधान और किसानों को बीज और डीजल पर अनुदान के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
बॉक्स बड़ी राहत के लिए केंद्र के भरोसे
सूखा प्रभावित तहसीलों में बड़ी राहत के लिए सरकार केंद्र के भरोसे है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने बताया कि केंद्र सरकार को सूखे पर विस्तृत मेमोरेंडम भेजा जाएगा। इसके अलावा मनरेगा में 100 की जगह 200 दिन रोजगार दिलाने का प्रस्ताव होगा। पेयजल समस्या के समाधान और किसानों को बीज और डीजल पर अनुदान के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।