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अकाल मृत्यु से चाहते हैं बचना तो धनतेरस पर करें इस देवता की पूजा

धनतेरस पर मां लक्ष्मी के साथ भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है।

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अकाल मृत्यु से बचना है तो धनतेरस पे करे इनकी पूजा

धनतेरस पर मां लक्ष्मी के साथ भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नया सामान खरीदने से धन 13 गुना बढ़ जाता है। धनवंतरी देवताओं के चिकित्सक हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है। धनतेरस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है। इस दिन सोना और चांदी जैसी धातुओं को खरीदना अच्छा माना जाता है। इस मौके पर लोग धन की वर्षा के लिए नए बर्तन और आभूषण खरीदते हैं। ऐसी मन जाता है कि है धातु नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने में कारगर होता है । इसलिए धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदने की पुरानी परंपरा है । सोना और चांदी के अलावा बर्तन, भगवान की मूर्ति, आभूषण,घर के उपयोग में आने वाली चीज़े भी लिया जाता है। कई लोग इस मौके पर बाइक या कार लेना पसंद करते हैं। इस दिन लोग अपने घरो को दियो से रोशन करते है । इस दिन घरों में देवी लक्ष्मी को खुश करने के लिए भजन भी गाए जाते हैं। इस दिन सोना और चांदी जैसी धातुओं को खरीदना अच्छा माना जाता है

धनतेरस पर पूजा का मुहूर्त:
त्रयोदशी तिथि सूर्योदय से रात्रि 11.29 बजे तक रहेगी। भगवान धनवंतरि की पूजा का श्रेष्ठ समय शाम 6.04 बजे से 8.28 बजे तक रहेगा।यम को दीप दान से नहीं रहेगा अकाल मृत्यु का भय धनतेरस पर यमराज को दीपदान करने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। इस दिन भगवान कुबेर के साथ महालक्ष्मी का पूजन विधि विधान से किया जाता है।त्रयोदशी तिथि सूर्योदय से रात्रि 11.29 बजे तक रहेगी। भगवान धनवंतरि की पूजा का श्रेष्ठ समय शाम 6.04 बजे से 8.28 बजे तक रहेगा।

निम्न वस्तुओं की खरीदारी शभ फलदायी:
धनतेरस के दिन गणेश, लक्ष्मी की मूर्ति, पीतल, कांसा के बर्तन सोना या चांदी के आभूषण, स्फटिक का श्रीयंत्र झाडू, वस्त्र(काले रंग को छोड़कर), नमक, कोदी शंख, धमिया खंडा, इलेक्ट्रॉनिक आयटम, मिट्टी के दीपक, गौमती चक्र, कुबेर की फोटो, सात मुखी रूद्राक्ष की खरीदी शुभ मानी जाती है।

स्वर्ण-रजत धातु खरीदी का शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त - 11ः46 से 12ः15 बजे
चर- 8.55 से 10.22 बजे
लाभ- 10.22 बजे से 11.49 बजे
अमृत- 11.49 से 01.46 बजे
शुभ- दोपहर 2.43 से 4.09 तक
लाभ- 7.09 से 8.43 तक
शुभ- 10.26 से 11.49 तक

स्थिर लग्न
वृश्चिक-8. 37 से 10.55 तक
कुम्भ- 2.47 से 4.18 तक
वृषभ-7.23 से 9.19 तक
सिंह- 1.51 से 4.05 तक

मूर्ति और बहीखाता खरीदने का मुहूर्त:
सुबह 10.50 से दोपहर 1.41 तक
दोपहर 3.06 से दोपहर 4.30 तक
रात्रि 7.30 से 9.05 तक
रात्रि 10.40 से 12. 15 तक