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रायपुर

कोरबा में ७वां मेडिकल कॉलेज खोलने का ड्राफ्ट तैयार, महासमुंद में ८वें के लिए कवायद तेज

डीएमई की तीन सदस्यीय टीम ने महासमुंद जिला अस्पताल का किया मुआयना, खरोरा में करीब ५० एकड़ सरकारी जमीन विधायक व प्रशासन देने को तैयार

रायपुरNov 22, 2019 / 11:23 am

abhishek rai

कोरबा में ७वां मेडिकल कॉलेज खोलने का ड्राफ्ट तैयार, महासमुंद में ८वें के लिए कवायद तेज

कोरबा में ७वां मेडिकल कॉलेज खोलने का ड्राफ्ट तैयार, महासमुंद में ८वें के लिए कवायद तेज

रायपुर. प्रदेश का ८वां सरकारी मेडिकल कॉलेज महासमुंद में खोलने की प्रक्रिया तेज हो गई है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय (डीएमई) की तीन सदस्यीय टीम बुधवार को ग्राम खरोरा में प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करने के साथ ही जिला चिकित्सालय में उपलब्ध संसाधनों का जायजा लिया। टीम के सदस्य एडिशनल डायरेक्टर डॉ. निर्मल वर्मा, डीएमई प्रवक्ता डॉ. जितेंद्र तिवारी और असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. प्रतीक प्रधान ने विधायक विनोद सेवनलाल, एसडीएम, तहसीलदार, सीएचएमओ डॉ. एसपी वारे, सिविल सर्जन डॉ. आर.के. परदल आदि से मुलाकात की। विधायक के साथ टीम ने जिला अस्पताल से २ किमी दूर खरोरा में प्रस्तावित करीब ५० एकड़ सरकारी जमीन का मुआयना किया तथा सिविल सर्जन से जिला अस्पताल में मौजूद सुविधाओं की जानकारी ली। टीम के एक सदस्य ने बताया कि कलेक्टर से भी मिलने की योजना थी, लेकिन किसी कारणवश नहीं हो पाई। वहीं, कोरबा में 7वां सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए डीएमई स्तर पर ड्राफ्ट तैयार हो गया है, जो जल्द ही स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक को भेजा जाएगा। कॉलेज खोलने के लिए कोरबा के इंजीनियरिंग कॉलेज को चिन्हित किया गया है। कलेक्टर भी भवन देने को तैयार हैं। बताया जाता है कि इंजीनियरिंग कॉलेज के लिहाज से यह भवन बड़ा है, सीपेट के खाली पड़े भवन में इंजीनियर कॉलेज को शिफ्ट किए जाने का विकल्प मौजूद है। डीएमई डॉ. एसएल आदिले, सचिव बारीक और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कोरबा अस्पताल से लेकर तमाम उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण व समीक्षा कर चुके हैं।
कोरबा और महासमुंद जिला अस्पताल का मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर
कोरबा में 130 बिस्तरों का जिला अस्पताल संचालित है। जिला अस्पताल को राज्य सरकार की तरफ से कायाकल्प कार्यक्रम के तहत श्रेष्ठ जिला अस्पताल का तमगा भी मिल चुका है। यहां ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर (ओटी), ब्लड बैंक, जनऔषधि दवा स्टोर आदि सुविधाएं उपलब्ध है। वहीं, १०० बिस्तरों वाले महासमुंद जिला अस्पताल में २१ डॉक्टर पदस्थ हैं, जिसमें १६ मेडिकल आफिसर्स तथा ५ विशेषज्ञ हैं। १२० पैरामेडिकल के कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। यहां की प्रतिदिन की ओपीडी २५० के ऊपर है। यहां जल्द ही डायलासिस और सिटी स्कैन मशीन लाने की तैयारी की जा रही है।
एमबीबीएस सीट बढ़ाने की कवायद

केंद्र सरकार एमबीबीएस की सीट बढ़ाना चाहती है, इसके लिए जिला अस्पतालों का उन्यनन करने का प्रस्ताव है। जो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के मानकों पर खरे उतरेंगे उन्हें मेडिकल कॉलेज में तब्दील किया जाएगा। कोरबा और महासमुंद में इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। दोनों जिलों में मेडिकल कॉलेज खुलने से २०० एमबीबीएस की सीटें बढ़ जाएगी। कांकेर में भी मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित है।
प्रदेश में संचालित मेडिकल कॉलेज

प्रदेश में ६ सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज रायपुर, छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (सिम्स) बिलासपुर, स्व. बलीराम कश्यप मेमोरियल मेडिकल कॉलेज जगदलपुर, स्व. लखीराम अग्रवाल मेमोरियल मेडिकल कॉलेज रायगढ़, अटल बिहारी बाजपेयी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज शामिल है। स्व. चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज दुर्ग, शंकराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस भिलाई और रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेंस (सिम्स) रायपुर निजी कॉलेज हैं। इसमें कुल 1200 सीटें हैं।
कोरबा जिला अस्पताल का पूर्व में निरीक्षण किया जा चुका है। यहां कॉलेज खोलने के लिए उपयुक्त साधन-संसाधन मौजूद हैं। जल्द ही शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। महासमुंद में भी प्रस्तावित स्थल का टीम ने निरीक्षण किया है।
– डॉ. एस.एल. आदिले, संचालक, चिकित्सा शिक्षा

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