कोरबा और महासमुंद जिला अस्पताल का मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर
कोरबा में 130 बिस्तरों का जिला अस्पताल संचालित है। जिला अस्पताल को राज्य सरकार की तरफ से कायाकल्प कार्यक्रम के तहत श्रेष्ठ जिला अस्पताल का तमगा भी मिल चुका है। यहां ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर (ओटी), ब्लड बैंक, जनऔषधि दवा स्टोर आदि सुविधाएं उपलब्ध है। वहीं, १०० बिस्तरों वाले महासमुंद जिला अस्पताल में २१ डॉक्टर पदस्थ हैं, जिसमें १६ मेडिकल आफिसर्स तथा ५ विशेषज्ञ हैं। १२० पैरामेडिकल के कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। यहां की प्रतिदिन की ओपीडी २५० के ऊपर है। यहां जल्द ही डायलासिस और सिटी स्कैन मशीन लाने की तैयारी की जा रही है।
एमबीबीएस सीट बढ़ाने की कवायद केंद्र सरकार एमबीबीएस की सीट बढ़ाना चाहती है, इसके लिए जिला अस्पतालों का उन्यनन करने का प्रस्ताव है। जो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के मानकों पर खरे उतरेंगे उन्हें मेडिकल कॉलेज में तब्दील किया जाएगा। कोरबा और महासमुंद में इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। दोनों जिलों में मेडिकल कॉलेज खुलने से २०० एमबीबीएस की सीटें बढ़ जाएगी। कांकेर में भी मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित है।
प्रदेश में संचालित मेडिकल कॉलेज प्रदेश में ६ सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज रायपुर, छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (सिम्स) बिलासपुर, स्व. बलीराम कश्यप मेमोरियल मेडिकल कॉलेज जगदलपुर, स्व. लखीराम अग्रवाल मेमोरियल मेडिकल कॉलेज रायगढ़, अटल बिहारी बाजपेयी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज शामिल है। स्व. चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज दुर्ग, शंकराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस भिलाई और रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेंस (सिम्स) रायपुर निजी कॉलेज हैं। इसमें कुल 1200 सीटें हैं।
कोरबा जिला अस्पताल का पूर्व में निरीक्षण किया जा चुका है। यहां कॉलेज खोलने के लिए उपयुक्त साधन-संसाधन मौजूद हैं। जल्द ही शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। महासमुंद में भी प्रस्तावित स्थल का टीम ने निरीक्षण किया है।
– डॉ. एस.एल. आदिले, संचालक, चिकित्सा शिक्षा