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Raipur News: अविनाश एलीगेंस हादसा अपडेट, बिल्डर को छोड़ प्रोजेक्ट मैनेजर, इंजीनियर, ठेकेदार पर एफआईआर

Raipur News: अविनाश बिल्डर्स द्वारा काम करवाते समय मजदूरों की सुरक्षा में घोर लापरवाही बरती गई।पुरानी, जंग लगी पाइप, प्लेट का इस्तेमाल सेंटि्रंग के रूप में किया गया।

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Raipur News: वीआईपी रोड के निर्माणाधीन अविनाश एलीगेंस हादसे में मजदूरों की मौत के मामले में पुलिस ने बिल्डर को छोड़ प्रोजेक्ट मैनेजर, इंजीनियर और ठेकेदार व अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। पूरे मामले में अविनाश बिल्डर्स द्वारा काम करवाते समय मजदूरों की सुरक्षा में घोर लापरवाही बरती गई।

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पुरानी, जंग लगी पाइप, प्लेट का इस्तेमाल सेंटि्रंग के रूप में किया गया। साथ ही काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के लिहाज से बिल्डिंग में जाली नहीं लगाई थी। हेलमेट भी नहीं दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि शनिवार को सातवें माले की ढलाई के दौरान सेंटि्रंग गिरने से छत ढह गई थी। मलबे में दबने से दो मजदूरों की मौके पर मौत हो गई थी। 6 अन्य बुरी तरह से घायल हो गए थे। इस मामले में सोमवार को तेलीबांधा पुलिस ने अविनाश एलीगेंस के प्रोजेक्ट मैनेजर अजय गौतम, इंजीनियर वेदप्रकाश और ठेकेदार निशांत साहू व अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 125(ए), 106(1), 3(5) के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पूरा प्रोजेक्ट अविनाश बिल्डर्स के संचालक आनंद सिंघानिया का है।

क्या कहती है धाराएं

बीएनएस 125(ए) - इसके तहत यदि किसी व्यक्ति को चोट लगती है, तो दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को छह महीने तक की कैद या पांच हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकती है। यह अपराध संज्ञेय (Cognizable) और जमानती (Bailable) है। जमानत मिलना भी अपराध की गंभीरता और अन्य परिस्थितियों पर निर्भर करता है। यदि अपराध ज्यादा गंभीर है, तो आरोपी व्यक्ति को जमानत मिलना मुश्किल हो सकता है।

बीएनएस 106 (1) - भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(1) में यदि किसी व्यक्ति की लापरवाही या जल्दबाजी किसी दूसरे व्यक्ति की मौत का कारण बनता है। तो उस व्यक्ति को दोषी पाए जाने पर 5 वर्ष की सजा से दंडित किया जा सकता है।

बीएनएस 3(5) -जब कोई आपराधिक कृत्य (Crime) कई व्यक्तियों द्वारा एक साथ मिलकर किया जाता है, तो हर व्यक्ति उस अपराध के लिए उसी प्रकार जिम्मेदार होगा जैसे कि उसने वह अपराध अकेले किया हो। इसका मतलब है कि एक समूह (Group) में किए गए अपराध के लिए हर सदस्य को समान रूप से दोषी (Guilty) माना जाएगा चाहे उसने सीधे तौर पर अपराध किया हो या नहीं।

ठेकेदार का पंजीयन भी नहीं

बताया जाता है कि इतने बड़े प्रोजेक्ट में काम करने के बाद भी ठेकेदार का श्रम विभाग से पंजीयन नहीं था। पंजीयन नहीं होने के बावजूद बिल्डर उनसे अपना काम करवा रहे थे। फिलहाल तेलीबांधा पुलिस ने प्रोजेक्ट मैनेजर, इंजीनियर और ठेकेदार के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किया गया है। बाकी अन्य में शामिल हैं। जांच के दौरान उनकी भूमिका जांची जाएगी।