जिस निजी अस्पताल में मौत हुई है उसमें मृतक का कोरोना का नहीं, निमोनिया का इलाज हो रहा था। क्या अस्पताल के स्टाफ को भी संक्रमण का खतरा है। बिल्कुल, इसलिए तो यहां के 12 से अधिक स्टॉफ को क्वारंटाइन करवा दिया गया है। जिला स्वास्थ्य टीम देर शाम अस्पताल पहुंची। अस्पताल को क्या सील किया जाएगा, अभी निर्णय नहीं लिया गया है। मगर, संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वे सावधानी बरतें।
बिरगांव वार्ड क्र. 10 मेटल पार्क वार्ड की पार्षद भारती नंदू चंद्राकर के पति नंदू चंद्राकर ने पत्रिका को बताया कि मृतक व उनके परिवार का कोई सदस्य सालभर से कहीं नहीं गए। न ही कोई बाहर से इनके घर आया है। अब कोरोना संक्रमित कैसे हुआ, समझ से परे है। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। संभव है कि मृतक फैक्टरी में या अन्य किसी जगह पर बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में आया होगा। देखिए, कितनी संख्या में लोग आ रहे हैं।
शुक्रवार को संक्रमित जिलों की सूची में महासमुंद का नाम भी जुड़ गया। विकासखंड बसना अंतर्गत संतपाली ग्राम में क्वारंटाइन में रखे गए एक युवक में वायरस की पुष्टि हुई है, जो ग्राम सुखीपाली का रहने वाला है। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में 15 लोग हैं, इन सभी के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। प्रदेश के 22 जिलों में कोरोना की दस्तक हो चुकी है। श्रीकांत वर्मा, नगर निगम आयुक्त, बिरगांव ने बताया कि मृतक को फेफड़े में संक्रमण था। उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। परिजनों को क्वारंटाइन करवा दिया है, सैंपल लिए जा रहे हैं। पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि प्रदेश में कोरोना से मौत होना हम सबके लिए दुखद है। एम्स शुक्रवार की सुबह पॉजिटिव रिपोर्ट आई। मगर, वह इसके पहले ही गुजर चुका था।