scriptछत्तीसगढ़ में कोरोना से पहली मौत, अस्पताल में चल रहा था इलाज | First death from corona in CG state, treatment was going on hospital | Patrika News
रायपुर

छत्तीसगढ़ में कोरोना से पहली मौत, अस्पताल में चल रहा था इलाज

छत्तीसगढ़ में गुरुवार तक कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा शून्य था। मगर, शुक्रवार को बिरगांव निवासी निमोनिया ग्रस्त एक मजदूर ने दमतोड़ दिया। मौत के बाद एम्स रायपुर से आई रिपोर्ट में मृतक में वायरस की पुष्टि से हड़कंप मच गया। शासन-प्रशासन के अफसर दौड़े-भागे बिरगांव पहुंचे। मृतक के निवास स्थान आरटीओ ऑफिस के पास मेटल वार्ड के कैलाश नगर क्षेत्र का तीन किमी का क्षेत्र सील कर दिया गया है। यहां बड़ी संख्या पुलिस बल तैनात किया गया है, तो उरला और बिरगांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है।

रायपुरMay 30, 2020 / 02:13 am

Dhal Singh

छत्तीसगढ़ में कोरोना से पहली मौत, अस्पताल में चल रहा था इलाज

छत्तीसगढ़ में कोरोना से पहली मौत, अस्पताल में चल रहा था इलाज

रायपुर. जानकारी के मुताबिक मृतक उरला की एक रोलिंग मिल में काम करता था। करीब छह दिन पहले उसे सर्दी, जुकाम, खांसी के साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ हुई। जिसके बाद वह निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अस्पताल संचालक डॉ. अनिल कर्नावट ने बताया कि मरीज गंभीर स्थिति में अस्पताल आया था। उसे निमोनिया था। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था। 27 को कोरोना संदिग्ध मानते हुए उसका सैंपल लेकर जांच के लिए एम्स रायपुर भेजा गया था। जहां से 29 मई की दोपहर को रिपोर्ट आई, मगर उसके पहले ही दोपहर 12 बजे उसकी मौत हो चुकी थी। शव अस्पताल में ही रखा गया है। उरला और बिरगांव में आवाजाही और दुकानों खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कोरोना से राज्य में मौत का पहला मामला है, इसलिए जिला प्रशासन फूंक-फूंककर कदम उठा रहा है। नियमानुसार शासन की मौजूदगी में तमाम प्रोटोकॉल के तहत शनिवार को दाहसंस्कार किया जाएगा। उधर, स्वास्थ्य विभाग की टीम मृतक के घर जा पहुंची। सभी परिजनों को क्वारंटाइन करवाया गया है। सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय टीम कांटेक्ट ट्रेसिंग में जुट गई हैं। यह जानकारी जुटाई जा रही है कि मृतक कहां-कहां गया था? किस-किस के संपर्क में था? साथ ही उस फैक्टरी को भी सील कर दिया गया है जहां मृतक काम करता था। संभावना जताई जा रही है कि उसे कोरोना मिल में काम करने वाले दूसरे मजदूरों से मिला होगा।
अस्पताल में कोरोना का इलाज नहीं हो रहा था-
जिस निजी अस्पताल में मौत हुई है उसमें मृतक का कोरोना का नहीं, निमोनिया का इलाज हो रहा था। क्या अस्पताल के स्टाफ को भी संक्रमण का खतरा है। बिल्कुल, इसलिए तो यहां के 12 से अधिक स्टॉफ को क्वारंटाइन करवा दिया गया है। जिला स्वास्थ्य टीम देर शाम अस्पताल पहुंची। अस्पताल को क्या सील किया जाएगा, अभी निर्णय नहीं लिया गया है। मगर, संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वे सावधानी बरतें।
पार्षद ने कहा, बाहर ही नहीं गया परिवार-
बिरगांव वार्ड क्र. 10 मेटल पार्क वार्ड की पार्षद भारती नंदू चंद्राकर के पति नंदू चंद्राकर ने पत्रिका को बताया कि मृतक व उनके परिवार का कोई सदस्य सालभर से कहीं नहीं गए। न ही कोई बाहर से इनके घर आया है। अब कोरोना संक्रमित कैसे हुआ, समझ से परे है। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। संभव है कि मृतक फैक्टरी में या अन्य किसी जगह पर बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में आया होगा। देखिए, कितनी संख्या में लोग आ रहे हैं।
महासमुंद जिले में भी पहुंचा संक्रमण-
शुक्रवार को संक्रमित जिलों की सूची में महासमुंद का नाम भी जुड़ गया। विकासखंड बसना अंतर्गत संतपाली ग्राम में क्वारंटाइन में रखे गए एक युवक में वायरस की पुष्टि हुई है, जो ग्राम सुखीपाली का रहने वाला है। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में 15 लोग हैं, इन सभी के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। प्रदेश के 22 जिलों में कोरोना की दस्तक हो चुकी है। श्रीकांत वर्मा, नगर निगम आयुक्त, बिरगांव ने बताया कि मृतक को फेफड़े में संक्रमण था। उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। परिजनों को क्वारंटाइन करवा दिया है, सैंपल लिए जा रहे हैं। पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि प्रदेश में कोरोना से मौत होना हम सबके लिए दुखद है। एम्स शुक्रवार की सुबह पॉजिटिव रिपोर्ट आई। मगर, वह इसके पहले ही गुजर चुका था।
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