
Ganesh Chaturthi
रायपुर. Ganesh Chaturthi: यदि कड़ी मेहनत के बाद भी अगर आपको मनमुताबिक फल प्राप्त नहीं हो रहा है तो इसके पीछे कारण आपके घर का वास्तु दोष (Vastu Dosh) हो सकता है। यदि आप गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दौरान श्वेत आर्क के इन उपायों का इस्तेमाल करके वास्तु दोष से छुटकारा पा सकते हैं।
श्वेत आर्क एक ऐसा पौधा होता है जिसको हिंदू दर्शन के अनुसार साक्षात गणेश (Lord Ganesha) का रूप कहा जाता है। इस पौधे में अनेक औषधीय एवं दैविक गुण होने के साथ साथ एक विशेष यह भी गुण है कि इसकी जड़ में स्वयं भगवान गणेश की आकृति बनी होती है।
वास्तु शास्त्र में गणेश भगवान (Lord Ganesha) का विशेष स्थान क्यों है, यह समझना अत्यंत आवश्यक है। भूखंड के देवता वास्तु देव माने गए हैं। वास्तु देव की उत्पति भगवान शंकर के पसीने से हुई है, इसलिए वास्तु देव और गणपति दोनों भाई हुए।
- वास्तु शास्त्र में भगवान गणेश (Lord Ganesha) की प्रतिमा की स्थापना, पूजन एवं घरों के शुद्धिकरण का विशेष महत्व है, इसलिये वास्तु दोषों को दूर करने के लिए दोष वाले स्थान पर भगवान गणेश की मूर्ति लगाने का विशेष विधान है।
- किसी भी पूजन में भगवान गणेश की प्रथम पूजा होती है। भगवान गणेश को विघ्न विनाशक कहा जाता है।
- दुनिया का हर व्यक्ति चाहता है कि उसके घर, दुकान, व्यावसायिक संस्थान, फैक्ट्री में किसी भी प्रकार का कोई भी विघ्न उपस्थित न हो तो इसीलिए भगवान गणेश की मूर्ति घर के अंदर की ओर मुख्य प्रवेश द्वार में स्थापित करने का विधान है।
- भगवान गणेश (Lord Ganesha) को घर के बाहर की ओर कभी भी स्थापित न करें। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की दृष्टि में अमृत धारा है और गणेश पीठ में दरिद्रता है, इसलिए भगवान गणेश का पीठ घर की ओर न हो इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- वैसे तो भगवान गणेश (Lord Ganesha) अनेक प्रकार की धातुओं के बनाए जाते हैं जिनमें सभी के अपने अलग अलग प्रभाव हैं, लेकिन श्वेत आर्क का वास्तु गणेश सभी प्रकार के दोषों को मुक्ति के लिए सबसे सरल तथा मनोकामना सिद्ध करने वाला कहा जाता है।
- अगर जड़ को ध्यान से देखा जाए तो इसके बराबर में निकली दो शाखाएं भगवान गणेश के दो दातों का कार्य करती हैं एवं इससे आगे का भाग साक्षात् भगवान गणेश (Lord Ganesha) का रूप बना देता है।Ganesh Chaturthi
Published on:
27 Aug 2019 08:00 am
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