READ MORE : स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव बोले – लॉकडाउन हटे तो ऐसी कोई गलती न करें कि दोबारा लगाना पड़े बैठक में बताया गया कि दूसरी लहर के संबंध में आम धारणा है कि इससे युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। पर पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों को देखें तो इससे प्रभावितों का पैटर्न लगभग एक जैसा है। भले ही आयुवर्ग के कोरोना संक्रमितों होने की संख्या पहली लहर से अधिक हो। विशेषज्ञों-डॉक्टरों ने कहा कि
कोरोना मरीजों के इलाज में कई दवाइयों का अनावश्यक बहुत ज्यादा उपयोग भी देखने में आया है। इस पर प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज और दवाइयों के उपयोग का मेडिकल ऑडिट किया जाना चाहिए।
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ मिलकर मेडिकल ऑडिट टीम बनाई जानी चाहिए। बहुत सी दवाइयां प्रयोगात्मक स्तर पर हैं। सभी डीन यह सुनिश्चित करें कि इनका अनावश्यक उपयोग न हो, प्रोटोकॉल के तहत दी गई दवाएं ही प्रिस्क्राइब की जाएं।
READ MORE : छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस का विस्फोट: एक साथ मिले इतनी बड़ी संख्या में नए मरीज पोस्ट कोविड मैनेजमेंट बेहद जरूरीबैठक में डॉक्टरों की तरफ से कहा गया कि पोस्ट कोविड मैनेजमेंट की जरुरत है, क्योंकि स्वस्थ होने के बाद लोग कई तकलीफों का सामने कर रहे हैं। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कैसे पोस्ट कोविड ट्रीटमेंट बेहतर कर सकता है, इस पर काम करें।
READ MORE : Patrika Positive News : कोविड ड्यूटी के दौरान 55 शिक्षकों की मौत, परिजनों को राहत देने अनुकंपा नियुक्ति पर जोर दवाओं का इस्तेमाल सावधानी से किया जाएएम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर ने कहा कि दवाइयों के दुष्प्रभाव और इसके प्रयोगात्मक चरण को देखते हुए इनका बहुत सावधानी से उपयोग किया जाना चाहिए। वेंटिलेटर और आईसीयू की भूमिका को देखते हुए आज पर्याप्त संख्या में ट्रेंड स्टाफ की जरुरत है।