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डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर ठगों का नेटवर्क यूपी से लेकर कंबोडिया तक

डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर ठगी करने वाला उत्तर प्रदेश का गिरोह वहीं तक सीमित नहीं है। गिरोह कंबोडिया में भी ठगी का सेंटर चला रहा है। गिरोह ठगी की राशि को डॉलर में कनवर्ट करके वहां भेज रहा है। पकड़े गए आरोपियों के कॉल डिटेल और बैंक खातों के ट्रांजेक्शन से इसका खुलासा हुआ है।

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डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर ठगों का नेटवर्क यूपी से लेकर कंबोडिया तक

डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर ठगों का नेटवर्क यूपी से लेकर कंबोडिया तक

किसी फर्म के खाते में ट्रांसफर कराकर वापस ले लेते पैसे

गिरोह में कई लोग शामिल हैं। इनका नेटवर्क यूपी से लेकर कंबोडिया तक फैला हुआ है। ठगी की बड़ी राशि वहां भेजते हैं। फिर किसी फर्म के खाते में ट्रांसफर कराकर वापस ले लेते हैं। इसमें कुछ फॉरेक्स कंपनियां भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि राजधानी के विधानसभा इलाके की 63 वर्षीया महिला एक निजी कंपनी में एजीएम थीं। आरोपी आकाश साहू, शेर बहादुर, अनूप, नवीन, आनंद, प्रदीप ने दिल्ली पुलिस और साइबर विंग के नाम पर उन्हें डिजिटल अरेस्ट करने का झांसा दिया और ऑनलाइन ठगी की। आरोपियों द्वारा अन्य राज्यों में भी ठगी करने की आशंका है। पुलिस इसका पता लगा रही है।

ठगी के साथ करते कारोबार भी

डिजिटल अरेस्ट के जरिए लोगों को ठगने के साथ ही आरोपियों का अपना कारोबार भी है। आरोपी आनंद सिंह का देवरिया में पंजाब नेशनल बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र है। इस कारण उसे बैंक खातों से ट्रांजेक्शन व बैंकिंग की जानकारियां थी। शेर बहादुर का आरओ वॉटर का कारोबार है। आनंद का हार्डवेयर व आरओ वॉटर और अनूप व नवीन का कंस्ट्रक्शन का कारोबार है।

कोई सिम की व्यवस्था करता, कोई दिखाता भय

ठगी का मास्टरमाइंड आकाश और शेर बहादुर है। दोनों मोबाइल सिम की व्यवस्था करते थे। वाट्सऐप से वीडियो कॉल करके पीडि़ता को गिरफ्तारी का भय दिखाते थे। आरोपी अनूप और नवीन श्री नारायणी इंफ्रा डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड, श्री गणेशा डेवलपर्स, अर्बन एज इंफ्रा बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड, पावन धरा इंफ्रा बिल्डकॉन, स्नो हाइट्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और आनंद ट्रेडर्स आदि फर्जी कंपनी बनाकर उनके नाम से बैंक खाता खुलवाते थे। इन्हीं खातों में ठगी की राशि को जमा कराते थे। फिर नकद आहरण करते थे।

ग्राहक सेवा केंद्र चलाता था आरोपी

आरोपी आनंद सिंह ने देवरिया में पंजाब नेशनल बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र खोल रखा था। इसके जरिए पंजाब नेशनल बैंक व अन्य बैंक में खाता खुलवाता था। बैंकों से लेन-देन का पूरा काम करता था। मामले में आरोपियों से बैंक खाता, चेकबुक, सिम व मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। ठगी के 43 लाख रुपए होल्ड कराए गए हैं। मामले से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

डरें नहीं, डिजिटल अरेस्ट का प्रावधान नहीं

पुलिस, सीबीआई, ईडी आदि जैसी किसी भी जांच एजेंसी में डिजिटल अरेस्ट का प्रावधान नहीं है। डिजिटल अरेस्ट के नाम पर फोन करने वालों से डरें नहीं, बल्कि तत्काल पुलिस को सूचना दें। उनसे डरकर किसी भी तरह से रकम न दें।
डॉक्टर लाल उमेद सिंह, एसएसपी