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Samvidhan Hatya Divas: 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाएगी भारत सरकार, कांग्रेस ने कहा – राजनीतिक नौटंकी है…

Political Statement in Samvidhan Hatya Divas: भारत सरकार 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने की घोषणा की है। इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।

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Samvidhan Hatya Divas in 25 June: भारत सरकार ने हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने का फैसला लिया है। इस फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा और उससे जुड़े संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं कांग्रेस इस राजनीतिक नौटंकी करार दिया है। इसे लेकर अब कांग्रेस-भाजपा दोनों के नेता आमने-सामने हो गए हैं।

संविधान हत्या दिवस को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, 25 जून 1975 को पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी और कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल के अमानवीय दर्द को भारतवासी अनंतकाल तक नहीं भूल पाएंगे।

लोकतंत्र सेनानियों ने तत्कालीन सरकार से लड़कर, अपना सब कुछ झोंक कर देश को दूसरी आजादी दिलाई थी। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करने का दिन है, जो उनके विराट योगदान का स्मरण कराता है कि कैसे उन्होंने आपातकाल की विभीषिका को झेला था।

वहीं दूसरी और संविधान हत्या दिवस को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने भी पलटवार किया है। सिंहदेव ने कहा, यह अपनी-अपनी सोच का परिणाम है। देश में पिछले 10 सालों से अघोषित आपातकाल लगा हुआ है। इस दौरान कई बार संविधान की हत्या हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दी है। उनकी गिरफ्तारी भी एक तरह से अघोषित आपातकाल का परिणाम थी।

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इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान प्रमुख घटनाओं की अवधि दर्शाने वाला चार्ट यहां दिया गया है:

  • - आपातकाल 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक कुल 634 दिनों तक चला।- आपातकाल के अंत को चिह्नित करने वाले आम चुनाव की कोई अवधि नहीं थी।

भाजपा प्रवक्ता व विधायक राजेश मूणत ने कहा - कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र के चेहरे पर कालिख पोती थी। इंदिरा गांधी के शासनकाल में जो कृत्य किया गया था, उससे विश्व में भारत की बदनामी हुई थीं। अब इस दाग को धोने का प्रयास भाजपा कर रही हैं।

25 जून 1975 को देश के प्रजातंत्र के गले को घोंटकर देश में आपातकाल लगाया गया था और इसको जनता के समक्ष लाने के लिए एनडीए सरकार ने काला दिवस घोषित किया है। आज विपक्ष प्रजातंत्र की दुहाई देकर संविधान की रक्षा की बातें कर रहा है। जबकि कांग्रेस ने 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिराने का काम किया है।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा - भाजपा और आरएसएस के लोग लगातार संविधान बदलने की बात करते हैं। देश में पिछले 10 सालों से अघोषित आपातकाल लगा हुआ है। लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। मोदी सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए संविधान हत्या दिवस मनाने की बात कर रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि आपातकाल को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी खेद जता चुकी है। अब भाजपा के लोगों संविधान के विपरीत जाकर काम कर रहे हैं।