
Liquor Ban in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान आया है। मंत्री सिंहदेव ने गुजरात और बिहार में शराबबंदी के जहरीली शराब से हो रही मौतों का उदाहरण देते हुए बताया छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी करना कठिन है। पत्रकारवार्ता के एक प्रश्न के जवाब में कहा, प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी करना कठिन है। इसके कई कारण भी है। यह जरूर है कि घोषणा पत्र में उसका प्रमुखता से स्थान मिला था। कई लोगों ने इसे सराहा था और कई लोग शराबबंदी के पक्ष में नहीं थे। उस समय सभी बातों को देखकर एक निर्णय हुआ कि हम शराबबंदी उन 61 विकासखंडों में करेंगे, जहां ट्राइबल आबादी नहीं है।
आज के दिन लगता है कि इसे यहां लागू करना बहुत कठिन होगा। गुजरात में सिर्फ नाम की शराबबंदी है। दो नम्बर की शराब धड़ल्ले से बिक रही है और लोगों की मौत हो रही है। बिहार में भी यही हालात है। बीच-बीच में खबर आती है कि जहरीली शराब से इतने लोग मर गए। कुल मिलकर मुझे नहीं लगता कि छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबंदी हो पाएगी।
भाजपा ने बनाई सरकारी शराब बेचने की नीति
मंत्री सिंहदेव ने भाजपा को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा, जिन्होंने स्वयं सरकारी दुकानों से शराब को बेचने की नीति अपनाई थी, वो आज शराबबंदी की बात कर रहे हैं। भाजपा ने शराबंदी के लिए जो कमेटी गठित की थी, उन्होंन शराबबंदी की जगह और बीयर बार खोलने का सुझाव दिया था। जो लोग खुद इस नीति को बना रहे थे, उन्हें तो प्रश्न नहीं करना चाहिए। यदि नागरिक करें, तो एक बार समझ में आता है।
शराबबंदी करना कठिन, तो माफी मांग ले- भाजपा
मंत्री सिंहदेव के बयान पर भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा कि 4 साल से कांग्रेस सरकार शराबबंदी के नाम पर जनता को अनेकों बार Bewkoof बना चुकी है। आज खुले रूप में यह कह रही है कि शराबबंदी करना कठिन है। उन्होंने कहा, यह कहने के साथ-साथ कांग्रेस सरकार को जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए और कह देना चाहिए कि हमने सत्ता में आने के लिए या झूठा वादा किया था।
Published on:
20 Oct 2022 06:58 pm
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