
Makar Sankranti: सूर्य की आराधना का पर्व मकर संक्रांति सामान्य रूप से जनवरी माह की 14 तारीख को मनाया जाता है। लेकिन इस बार मकर संक्रांति का यह त्योहार 15 जनवरी के दिन मनाया जाएगा। दरअसल, सूर्यनारायण 14 जनवरी की रात 3.44 बजे धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्यास्त के बाद राशि परिवर्तन करने से मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को रहेगा। इसलिए इस बार मकर संक्रांति का पर्व रवि योग में मनाया जाएगा।
डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे बताते हैं, मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को पूरे दिन रहेगा। ऐसे में त्योहार इसी दिन मनाया जाएगा। मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर तीर्थ स्थानों पर स्नान, दान, जप और धार्मिक अनुष्ठानों को करने का विशेष महत्व होता है। यदि किसी कारण कोई इस दिन तीर्थ स्थल नहीं जा सकता है, तो वह अपने घर पर ही सूर्योदय से पहले उठाकर स्नान (पानी में तिल मिला लें) कर सकता है। इस बार मकर संक्रांति पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 15 जनवरी को रवि योग और शतभिषा नक्षत्र में मनाई जाएगी।
7.50 बजे से रवि योग
ज्योतिषियों ने बताया, रवि योग सूर्योदय के साथ सुबह 7:50 बजे से शुरू होकर दिनभर रहेगा। इस योग में दान करना बेहद शुभ माना गया है। इसी क्रम में होस्केरे बताते हैं कि इस पर्व को मनाने के पीछे कई धार्मिक मान्यताएं हैं। इनमें से एक यह है कि मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जा मिली थीं। कहा जाता है कि गंगा को धरती पर लाने वाले भागीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए इस खास दिन तर्पण किया था। उनका तर्पण स्वीकार करने के बाद इस दिन गंगा समुद्र में जाकर मिल गई थी।
खत्म हो जाएगा खरमास
बीते 16 दिसंबर से शुरू हुआ खरमास जो मकर संक्रांति के दिन समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही एक बार फिर से मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत, नामकरण, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ, वधू प्रवेश, सगाई, विवाह शुरू हो जाएंगे।
Published on:
05 Jan 2024 12:42 pm
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