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CG Nursing college: रिपोर्ट में निकली कई कमियां, फिर भी निजी नर्सिंग कॉलेजों को मिल गई मान्यता

CG Nursing college: हर कॉलेज का तीन बार निरीक्षण होता है। रिपोर्ट में कमियां भी होती हैं, इसके बाद भी इन कॉलेजों को हर साल मान्यता मिल रही है। बड़ा सवाल ये है कि कई कॉलेज अधूरी बिल्डिंग में चल रहे हैं।

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Nursing Course: बीएससी नर्सिंग में प्रवेश की आखिरी तारीख 30 सितंबर, व्यापमं के रिजल्ट में देरी

बीएससी नर्सिंग में प्रवेश की आखिरी तारीख (Photo PAtrika )

CG Nursing college: रायपुर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण अप्रैल में करवाया। अब हैल्थ साइंस विवि व छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल करवा रहा है। हर कॉलेज का तीन बार निरीक्षण होता है। रिपोर्ट में कमियां भी होती हैं, इसके बाद भी इन कॉलेजों को हर साल मान्यता मिल रही है। बड़ा सवाल ये है कि कई कॉलेज अधूरी बिल्डिंग में चल रहे हैं। कई कॉलेजों में संबद्ध अस्पताल दूर है या ढंग का प्रेक्टिकल लैब भी नहीं है।

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अब 10 किमी के दायरे में नए कॉलेज खोलने पर मनाही है, लेकिन नए सत्र के लिए 12 कॉलेजों को मान्यता देने की तैयारी है। बताया जाता है कि 5 जुलाई 2021 के गजट नोटिफिकेशन में 10 किमी के दायरे में नए कॉलेज नहीं खोल सकते। प्रदेश में 145 के आसपास नर्सिंग कॉलेज हैं, जिनमें सरकारी केवल 8 हैं। इनमें बीएससी नर्सिग के अलावा जीएनएम व एमएससी कोर्स भी चल रहा है।

पिछले साल तत्कालीन कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन जेपी पाठक ने जून में आईएनसी को पत्र लिखकर जीरो परसेंटाइल से एडमिशन देने की गुजारिश की थी। जबकि इंट्रेंस एग्जाम जुलाई में हुआ था। निजी नर्सिंग कॉलेज संघ की मांग पर सीएमई ने पत्र लिखा था। इस बार भी जीरो परसेंटाइल से प्रवेश देने के लिए पत्र लिखा जा सकता है ताकि निजी कॉलेजों को सीटें खाली रहने पर नुकसान उठाने की जरूरत न पड़े।

पिछले साल ढाई हजार से ज्यादा सीटें खाली

पिछले साल नवंबर में बीएससी नर्सिंग की 4775 सीटों को भरने के लिए केवल 2204 छात्रों ने पंजीयन कराया। यह पंजीयन 5 परसेंट के आधार पर करवाया गया। इसके बावजूद 2571 सीटें खाली रह गईं। तब 30 नवंबर तक प्रवेश का आखिरी दिन था। 5 प्रतिशत निर्धारित कट ऑफ करने के बाद भी दो दिनों में इतने स्टूडेंट का पंजीयन कराना चौंकाने वाला था। बड़ा सवाल है कि तीन चरणों की काउंसलिंग में परसेंटाइल से प्रवेश हुआ था।

जबकि आखिरी चरण में परसेंटेज के माध्यम से प्रवेश दिया गया। विशेषज्ञों का कहना था कि एक सत्र में दो अलग-अलग कट ऑफ या मापदंडों से प्रवेश देना तकनीकी रूप से सही नहीं है। ऐसे में हैल्थ साइंस विवि का रवैया क्या होगा, ये देखने वाली बात होगी? मेरिट के अनुसार कॉलेजों को स्वयं प्रवेश देना होगा। खाली सभी सीटें अनरिजर्व केटेगरी के अनुसार भरी जाएंगी।g