Mauni Amavasya 2022: इस बार मौनी अमावस्या 1 फरवरी को पड़ रहा है। पंडितों के अनुसार यह ऐसी तिथि है, जब पवित्र नदियों के घाटों और प्रयागराज, हरिद्वार में पुण्य स्नान के लिए मेला लगता है। इस बार कोरोना का संक्रमण होने के कारण शहर के धार्मिक स्थल महादेवघाट में मेला लगेगा।
रायपुर. Mauni Amavasya 2022: माघ महीना भगवान गणेशजी का जन्ममास माना गया है। इसी महीने द्वापरयुग में भीष्म पितामह को मुक्ति प्राप्त हुई है। पौराणिक मान्यता है कि इस महीने नियमित पवित्र नदियों में स्नान-दान (Snan-Daan) करने का विशेष फल प्राप्त होता है। इस बार मौनी अमावस्या 1 फरवरी को पड़ रहा है।
पंडितों के अनुसार यह ऐसी तिथि है, जब पवित्र नदियों के घाटों और प्रयागराज, हरिद्वार में पुण्य स्नान के लिए मेला लगता है। इस बार कोरोना का संक्रमण होने के कारण शहर के धार्मिक स्थल महादेवघाट में मेला लगेगा। यहां शहर के अलावा आसपास के लोग पुण्य की डुबकी लगाने आते हैं, भगवान भोले का अभिषेक पूजन करते हैं।
शंकराचार्य आश्रम के ज्योतिषाचार्य इंदुभवानंद महाराज के अनुसार यह शीत ऋतु का आखिरी महीने होता है। इसके बाद सर्द हवाओं का असर उतना नहीं होता है। महाशिवरात्रि आते-आते गर्मी का अहसास सूर्य की किरणें तेजी से कराती हैं। 18 जनवरी से माघ महीने का प्रारंभ हुआ है।
वैसे तो इस महीने की हर तारीख पुण्य स्नान-दान के लिए विशेष मानी गई है, परंतु मौनी अमावस्या युगादि तिथि है। अर्थात सर्द के सबसे महीने में जरूरतमंदों की अधिक से अधिक मदद हो सके, इसलिए कंबल और गर्म कपड़े दान करने का फल अधिक बताया गया है। 16 फरवरी को माघ महीना का समापन होगा और फाल्गुन मास लगेगा।
द्वापरयुग से चली आ रही यह परंपरा
इंदुभवानंद महाराज के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन ही द्वापरयुग का आरंभ हुआ था। इसलिए युगादि तिथि मानी गई। इस दिन किया गया दान-पुण्य मोक्ष प्रदान करने वाला होता है। इस बार मौनी अमावस्या भौमबती है, जो कि मंगलवार को होने से पवित्र नदियों में पुण्य स्नान करने लोगों का मेला लगता है। इसी महीने मां सरस्वती पूजन और वल्लभाचार्य की जयंती मनाई जाती है। व्रत और श्राद्ध की अमावस्या 31 जनवरी को है। जबकि स्नान-दान की अमावस्या 1 फरवरी को है।