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इसे देखते ही नहीं भूल पाती उस दरिंदे ने मुझे कैसे नोंचा था, इसलिए बच्चे को फेंक दिया झाड़ियों में

एक मां ने अपने ही नवजात बच्चे को झाड़ियों में फेंक दिया पुलिस की जांच करने पर बताई सच्चाई

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रायपुर. कहते है मां भगवान का रूप होती है लेकिन जब वहीँ मां जो अपने बच्चे को न अपनाये तो उसे क्या कहेंगे। दरअसल, छत्तीसगढ़ में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमे एक मां ने अपने ही नवजात बच्चे को झाड़ियों में फेंक दिया।

यह घटना कांकेर जिले की है। जानकारी के अनुसार आकाश निषाद (20) पिता बुधारुराम निवासी ग्राम पिपरौदा ब्लॉक चारामा ने अपने ही पड़ोस में रहने वाली एक नाबालिग की अस्मत सन 2016 में लूट ली। इस दौरान नाबालिक के छोटे-छोटे भाई-बहन घर से बाहर खेल रहे थे और माता-पिता मजदूरी करने के लिए गए थे। नाबालिग को घर में अकेला पाकर आरोपी आकाश ने बलात्कार किया और किसी से बताने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गया। पीडि़ता ने इस घटना के बारे में किसी को जानकारी नहीं दी तो इसका फायदा उठाकर वह काफी दिनों तक नाबालिग को डरा धमकाकर शारीरिक संबंध बनाता रहा।

नवबंर माह 2017 में पीडि़ता के कमर में दर्द होने पर उसके माता-पिता ने वैद्य को दिखाने के बाद दवा ली। वैैद्य से दवा लेने के बाद 16 नवबंर की रात में नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म दिया और उसे झाड़ी में फेंक दी। रात के समय झाड़ी से बच्चे के रोने की आवाज पर ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल किया तो खून के निशान के आधार पर पीडि़ता के घर तक पहुंच गई। पुलिस एवं ग्रामीणों के समक्ष बालिका ने बताया कि पड़ोसी आकाश निषाद ने जान से मारने की धमकी देकर बार-बार उसके साथ शारीरिक संबंध 2016से बना रहा था। नवजात बच्चा उसी का है। पीडि़ता के बयान के आधार पर पुलिस से आरोपी को 17 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया।

ग्रामीणों के बयान और पीडि़ता के कथन के आधार पर पुलिस ने इस मामले को विशेष सत्र न्यायाधीश हेमंत सराफ के कोर्ट में प्रस्तुत किया। इस मामले में कोर्ट ने गवाहों के बयान और पीडि़ता के कथन पर आरोपी को दोषी पाते हुए भादवि की धारा 450 में 7 साल की जेल और सौ रुपए जुर्माना, 376-2 झ, 367-ढ में 10-10साल जेल सौ-सौ रुपए जुर्माना और पाक्सो ६ में साल की जेल और सौ रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। सभी धाराएं एक साथ चलेगी और अर्थदंड नहीं जमा करने पर एक-एक माह अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी। इस मामले की पैरबी शासकीय अधिवक्ता ईश्वर लाल साहू ने की।