
MP सिविल जज का रिजल्ट: छत्तीसगढ़ के निखिल ने पहले अटैम्पट में बना जज, ऐसे की एग्जाम की तैयारी
रायपुर. एमपी हाईकोर्ट ने बुधवार को सिविल जज-2019 के नतीजे घोषित किए। इसमें शहर के निखिल सिंघई (जनरल) को पहले अटैम्पट में ही बड़ी कामयाबी मिली है (MP civil judge result declear)। 73वीं रैंक के साथ वे सिविल जज जैसे प्रतिष्ठित पद के लिए चुन लिए गए हैं। निखिल समता कॉलोनी में रहते (Nikhil ) हैं। उनके पापा दिनेश सिंघई बिजनेसमैन हैं और मॉम चंद्रा सिंघई होम मेकर।
खास बात ये है कि सिंघई फैमिली (Singhai Family) से निखिल पहले ऐसे हैं जो जज (Civil judge) बने हैं। निखिल ने पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी (Pt. Ravishankar Shulk University) से बीएएलबी (BALB) किया और इस महत्वपूर्ण परीक्षा की तैयारी में जुट गए। नतीजे घोषित होते ही सिंघई फैमिली में खुशी का आलम है।
पैरेंट्स ने कहा कि हमने निखिल को पूरी आजादी दी कि वह अपनी पसंद की स्ट्रीम को चुने। हमें खुशी है कि वह पहले प्रयास में सफल रहा। हर मां-बाप को चाहिए कि वे अपने बच्चों की रुचि का ध्यान रखते हुए उसे उसी दिशा में आगे बढऩे के लिए प्रेरित करे।
सेल्फ स्टडी की, अपडेट रहने के लिए पढ़ता था न्यूज पेपर
निखिल ने बताया कि पूरी पढ़ाई मैंने प्री प्लानिंग के साथ की है। सेल्फ स्टडी की। ऑनलाइन मटेरियल जुटाए। रोजाना 10 से 12 घंटे पढाई की। सिलेबस के साथ ही अपनी सेहत का भी ध्यान रखा क्योंकि ऐन वक्त पर स्वास्थ्य गड़बड़ हुआ तो पूरी मेहनत चौपट।
निखिल बताते हैं कि मेंस में दो पालियों में 3-3 घंटे का रिटर्न एग्जाम दो दिनों तक होता है। इसके लिए जरूरी है कि लिखने की सही स्पीड। मैंने रोज लिखने का प्रयास किया। एग्जाम में महज 1 घंटे का ब्रेक रहता है। यानी आपको 6 घंटे लिखने हैं।
इंटरव्यू में योग को निर्णय क्षमता से जोड़ा
इंटरव्यू में साइकोलॉजिकल सवाल के तौर पर हॉबी पूछी गई। इस पर निखिल ने योग को हॉबी बताते हुए कहा कि इससे माइंड रिलेक्स रहता है। एकाग्रता के साथ निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है और पॉजिटिव एनर्जी आती है। लॉ से रिलेटेड सवाल के अलावा यह भी पूछा गया कि आपके पास किसी ऐसे व्यक्ति का केस आता है जो पहले से ही परिचित है तो आप क्या करेंगे? इस पर निखिल ने कहा कि नियमानुसार इसे ट्रांसफर कर देंगे।
Updated on:
23 Aug 2019 04:44 pm
Published on:
23 Aug 2019 04:42 pm
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