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शहर की सड़कों से कैसे हटेंगे ठेले व खोमचे? नगर निगम ने एक भी वेंडर जोन नहीं बनाया

CG News : स्मार्ट सिटी बनाने में छह साल से ज्यादा का समय बीत चुका है।

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शहर की सड़कों से कैसे हटेंगे ठेले व खोमचे? नगर निगम ने एक भी वेंडर जोन नहीं बनाया

शहर की सड़कों से कैसे हटेंगे ठेले व खोमचे? नगर निगम ने एक भी वेंडर जोन नहीं बनाया

रायपुर.CG News : स्मार्ट सिटी बनाने में छह साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। इसके बावजूद शहर बदहाल है। सड़कों पर लगने वाले ठेले-खोमचे वालों को आज तक एक निश्चित जगह मुहैया नहीं कराई जा सकी है। जबकि दावा स्मार्ट सिटी के अनुरूप विकास का है। ऐसे में जब भी राजधानी में वीआईपी मूवमेंट होता है या फिर त्योहारी सीजन सामने होता है तो निगम के जिम्मेदारों की नींद टूटती है। अचानक छोटे-छोटे कारोबार करने वालों को ही निशाना बना दिया जाता है। परंतु, उन्हें वेंडर जोन जैसी जगहों में व्यवस्थित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

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ये जगह चिह्नित किए गए थे वेंडिंग जोन के लिए

सवाल उठता है कि ऐसे में निगम प्रशासन सड़कों पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से कैसे राहत दिलवाएगा। ऐसी कोई सड़क नहीं जहां दोनों तरफ ठेले-खोमचे नहीं लग रहा। इससे हमेशा आधी सड़कें घिर जाती हैं। जबकि जिम्मेदारों का दावा तो ये था कि शहर स्मार्ट सिटी के अनुरूप होगा। सड़कों के किनारे, गुमटी लगाकर या ठेलों में घूम-घूमकर छोटे-छोटे कारोबार करने वालों के लिए एक निश्चित जगह में सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराएंगे। ताकि रोजी-रोटी प्रभावित न हो, परंतु वेंडर जोन बनाने के मामले में निगम प्रशासन नाकाम रहा है। नतीजा, हर सड़क पर ट्रैफिक जाम लग रहा है। शाम के समय ऐसी प्रमुख सड़कों के किनारे मेले जैसा माहौल नजर आता है। उस दायरे से लोगों का निकलना मुश्किल होता है। मुख्य जीई रोड पर ही सरस्वती नगर थाने के करीब से अनुपम गार्डन चौक तक एक जैसे हालातों का सामना हर दिन लोगों को करना पड़ता है।

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शहर में ऐसे 6 हजार के करीब कार्ड बनाए

शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से शहर में सर्वे कर गुमटी, ठेले, खोमचे पर कारोबार करने वालों का सर्वे कराया गया। ऐसे करीब 6 हजार लोगों का कार्ड बनाया गया। परंतु नगर निगम इन वेंडर्स को बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं करा सका।

स्मार्ट सिटी के अनुरूप शहर को व्यविस्थत करने में केवल खानापूर्ति का तरीका अपनाया गया। इसलिए धरातल पर कोई ठोस काम नहीं हुआ। प्लानिंग और कार्ययोजना का सबसे ज्यादा अभाव है। नतीजा, शहर की जनता परेशान है।

- मीनल चौबे, नेता प्रतिपक्ष निगम

नगरीय प्रशासन से फंड नहीं मिलने के कारण वेडिंग जोन पर कोई काम नहीं हुआ है। शहर में ऐसे 29 वेंडिंग जोन बनाने की योजना का प्रस्ताव तैयार है, 13 स्थानों की जगह भी तय है। फंड स्वीकृत होने पर ही काम होगा।

- राजेश गुप्ता, उपायुक्त एवं शहरी आजीविका मिशन प्रभारी


जयस्तंभ के करीब जोन क्र. 2 के वार्ड 36 में सिंधी मार्केट मौदहापारा और एमजी रोड के चारों लिंकिंग रोड लक्ष्मी स्टेशनी गली, पंजाब एवं सिंध बैंक गली, मौदहापारा थाना के सामने और गली नंबर 04 गुजराती स्कूल गेस्ट हाउस रोड में वेंडिंग जोन बनेगा। इन चारों जगहों पर नाइट चौपाटी संचालित होगी।

- जोन 4 में पं. रविशंकर शुक्ल वार्ड 35 के केनाल रोड के बाजू अहिल्या बाई होलकर चौक एवं डॉ. विपिन बिहारी सूर वार्ड 64 के कैलाशपुरी ढलान से मारवाड़ी श्मशान घाट मार्ग तक।

- जोन क्र. 5 में ठाकुर प्यारेलाल वार्ड 40 के जोन कार्यालय के पास आरकेसी गेट से आश्रम चौक तक।

- जोन क्र. 06 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वार्ड 61 के भाठागांव नाका चौक ऑटो स्टैंड के पास, मोरेश्वर राव गद्रे वार्ड 59 के मठपुरैना त्रिमूर्ति मंदिर के सामने, शहीद पंकज विक्रम वार्ड 58 के छ.ग. बोर्ड ऑफिस के पास टैगोर नगर।

- जोन क्र. 08 में वीर सावरकर नगर वार्ड 01 के हीरापुर बाजार पुरानी पानी टंकी के पास, माधवराव सप्रे वार्ड 69 के रायपुरा विसर्जन कुंड के पास।

- जोन क्र. 10 में गुरु घासीदास वार्ड 49 के एक्सप्रेस वे तेलीबांधा थाना रोड से शीतला माता नर्सरी तक वेंडिंग रोज की जगह तय की गई।

- वहीं भाठागांव, आमानाका, कोटा, रामनगर, फाफाडीह और देवेंद्रनगर, मोवा पंडरी, खमतराई ओवरब्रिज के नीचे वेंडिंग जोन बनाकर व्यवस्थित करना था।

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सबसे पहले गाज इन परहैरानी ये है कि जब मन होता है तो निगम प्रशासन का अमला सबसे पहले खासतौर पर त्योहारी सीजन में ठेले-खोमचे वालों को निशाना बनाता है। ट्रैफिक जाम की दुहाई देते हुए संयुक्त रूप से अभियान चला दिया जाता है। जब भी शहर में कोई बड़ा मूवमेंट होता है, जब भी ऐसे छोटे कारोबारियों पर ही बेदखली की गाज गिरती है। उनका सामान जब्त कर मोटा जुर्माना वसूला जाता है।