मोवा की रहने वाली मुस्कान शर्मा को मेंस में 79.5 और इंटरव्यू में मिले 12 नंबर
राजधानी के मोवा की रहने वाली मुस्कान शर्मा ने बताया कि यह मेरा पहला प्रयास था। मैंने निजी यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया और उसके बाद जज परीक्षा की तैयारी करने लगी। कोर्ट में इंटर्नशिप के दौरान मुझे जज बनने की प्रेरणा मिली। पापा मनीष शर्मा ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं और मम्मी साक्षी शर्मा हाउसवाइफ हैं। तैयारियों पर कहा कि मैंने रिवीजन में फोकस किया। सिस्टेमेटिक टाइम टेबल बनाया। प्री, मेंस और इंटरव्यू के लिए अलग-अलग स्ट्रैटेजी बनाई। रोजाना क्रिमिनल और सिविल के एक-एक जजमेंट लिखा करती थी। 100 से ज्यादा जजमेंट लिखे। इंटरव्यू में मुझसे सुप्रीम कोर्ट की महिला जजों के नाम पूछे गए। मेंस में मेरे नंबर 79.५/१०० रहे जबकि इंटरव्यू में १२/१५ मिले। मेरी रुचि मोटिवेशनल बुक्स पढऩे में है। इसके अलावा मैं डायरी राइटिंग और मीठी डिश बनाना पसंद करती हूं। जब भी कॉन्फिडेंस लो होता था मेरे भैया वंश मुझे घुमाने ले जाया करते थे।
ट्रेंड चेंज हुआ है
इस बार पीएससी ने ट्रेंड चेंज किया है। खासतौर पर इंटरव्यू में लॉ के अलावा जीके और करेंट अफेयर पर सवाल पूछे गए थे। इतना ही नहीं इंटरव्यू में ही इंडेप्थ और हाइपोथ्रैटिकल टाइप के सवाल भी थे।
नितिन नामदेव, चाणक्य लॉ एकेडमी, रायपुर
ट्रेनी जज को देख मिली प्रेरणा
वैसे तो मुझे मेरे टीचर ने कहा था कि अगर लॉ कर रही हो तो जज की तैयारी करो। इंटर्नशिप के दौरान जब मैं अंबिकापुर कोर्ट जाती थी तो वहां एक ट्रेनी जज को देखकर कॉन्फिडेंस बढ़ गया। यह बताया हिमांशी सर्राफ ने। उन्हें छठवीं रैंक मिली है। उन्होंने बताया, यह मेरा पहला प्रयास था। इंटरव्यू में बेसिक सवाल पूछे गए थे। मैं अंबिकापुर से हूं इसलिए सरगुजा का मतलब और वहां की खूबियां पूछी गईं। मैंने गुरुघासीदास युनिवर्सिटी से एलएलबी की है। इसके बाद कोचिंग के अलावा सेल्फ स्टडी की। इस दौरान लगभग 50 जजमेंट लिखे। पिता घनश्याम सर्राफ प्राइवेट जॉब करते हैं और मम्मी लीना सराफ हाउस वाइफ। टॉप टेन में आऊंगी इसका अंदाजा जरा भी नहीं था। मुझे तो यकीन भी नहीं हो रहा था, क्योंकि मॉडल आंसर जारी नहीं होता इसलिए नंबर पता नहीं होते। मेंस में मेरे नंबर ७९ और इंटरव्यू में ११ हैं। मेरी रुचि गार्डनिंग और ट्रैवलिंग में है। सोशल मीडिया मैं एक्टिव नहीं हूं। मुझे वेबसीरीज देखना पसंद है।