
Navratri 2021: इस बार आठ दिनों का होगा नवरात्रि पर्व, तृतीया-चतुर्थी एक ही दिन
रायपुर. सबसे प्राचीन महामाया मंदिर में नवरात्रि (Navratri) पर भक्तों की आस्था ज्योत प्रज्वलित होगी या नहीं, इस पर शुक्रवार को कोई फैसला नहीं पाया। मां महामाया मंदिर में 11 हजार आस्था दीप जलाने और देखरेख करने में हर दिन लगभग 200 लोग लगते हैं।
कोरोना संकट के कारण सेवा ट्रस्ट कमेटी फूंक-फूक कर कदम उठा रही है। क्योंकि गाइडलाइन सख्त है। शुक्रवार शाम को दो घंटे तक चली बैठक में तैयारियां और व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा तो हुई, लेकिन फैसला नहीं हो सका। इसलिए शनिवार को फिर बैठक होगी।
गाइडलाइन से तो यह तय हो चुका है कि मनोकामना ज्योत जलाने की पूरी जिम्मेदारी मंदिर समितियों की होगी। भक्तों के पूजा-दर्शन पर पाबंदी रहेगी। जगराता, गरबा और डांडिया पर भी रोक है। बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि यदि ज्योति प्रज्वलित करते हैं, तो जो सेवक गांवों से आएंगे, उनके अलग अलग रुकने, भोजन आदि की व्यवस्था करनी होगी।
इनके अलावा मंदिर सेवा समिति के सदस्य और पुजारी भी उसी परिसर में रहेंगे तो कहीं संख्या अधिक न हो जाए। चैत्र नवरात्रि का 5 हजार से अधिक पंजीयन पेंटिंग चैत्र नवरात्रि में भक्तों की आस्था ज्योत नहीं जलाई गई थी। 5 हजार से अधिक पंजीयन हुआ था, जिसे शारदीय नवरात्रि में प्रज्जवलित किया जाना था। शनिवार को फिर बैठक होगी, उसमें तय हो जाएगा।
कुशालपुर दंतेश्वरी माता मंदिर, कंकाली माता मंदिर, आकाशवाणी काली माता मंदिर और बंजारी माता मंदिर में मनोकामना ज्योत प्रज्जवलित करना तय हो गया है। लेकिन, भक्तों के प्रवेश पर रोक रहेगी। मंदिर समितियों ने गाइडलाइन का पालन करते हुए भक्तों के आस्था के अनुसार ज्योत प्रज्वलित करेंगे।
Published on:
10 Oct 2020 01:16 pm
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