
IAS का अपहरण करने वाले नक्सली दंपती ने किया सरेंडर, सिर पर था इतने लाख का इनाम
रायपुर. सुकमा के तात्कालीन कलक्टर एलेक्स पाल मेनन के अपहरण में शामिल नक्सली दंपती रवि सन्ना और उसकी पत्नी माड़वी बुधरी ने पुलिस मुख्यालय में आत्मसर्पण कर दिया। अप्रैल 2012 में केरलापाल स्थित माझीपारा में अपहरण के बाद उन्हें पुलिस को रोकने और हमला करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। राज्य सरकार ने उनके ऊपर 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
वह 2005 में नक्सलियों के साथ जुड़े हुए थे। इस दौरान पुलिसकर्मियोंऔर ग्रामीणों की हत्या, रायफल लूटने सहित 6 बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। नक्सली मिलिट्री बटालियन के कमांडर हिड़मा सहित अन्य के साथ काम किया। लेकिन, उनकी हकीकत सामने आते ही राज्य पुलिस के अफसरों से संपर्क किया।
स्पेशल डीजी नक्सल अभियान डीएम अवस्थी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि दक्षिण बस्तर स्थित सुकमा के केरलापाल एरिया कमेटी कमांडर रवि उर्फ रव्वा सन्ना उर्फ रविन्दर और उसकी पत्नी माड़वी बुधरी उर्फ रीना क्रांतिकारी आदिवासी महिला संघ की अध्यक्ष है। नक्सलियों ने उन्हें सलवा जुडुम और जल, जंगल और जमीन की रक्षा का झांसा देकर संगठन में शामिल किया था।
इसके बाद से वह विभिन्न पदों पर काम करते रहे। 2013 में दलम में साथ रहते हुए दोनों ने विवाह कर लिया। बड़े नक्सली लीडर उनके उपर अत्याचार करने लगे। इससे तंग आकर 2016 में रीना अपने पति के साथ बड़े शेट्टी में रहने लगी। लेकिन, उसे घर पर आकर नक्सली परेशान करते थे। इससे त्रस्त होकर दोनों से आत्मसमर्पण कर दिया।
सुराग मिला
स्पेशल डीजी ने बताया कि पूछताछ के दौरान उनसे महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। उनकी सूचना के आधार पर सुकमा क्षेत्र में सक्रिय पीएलजीए संगठन से जुड़े हुए नक्सलियों को पकडऩे अभियान चलाया जाएगा। गौरतलब है कि समर्पण करने वाले नक्सली दंपति मिलीट्री बटालियन के कमांडर हिड़मा, एलजीएस कमांडर सत्यम, एसीएम राजक्का सहित अन्य लोगों के साथ सीधे संपर्क में रहते थे। इस दौरन किस्टाराम के दुलोड़ी, केरलापाल के गोगुण्डा पहाड़ी में ट्रेनिंग कैंप सहित इस इलाके में हुए अधिकांश मुठभेड़ में शामिल थे।
सफलता मिली
राज्य पुलिस ने जनवरी 2016 से अब तक 518 मुठभेड़ में 247 नक्सलियों को मार गिराया। इसमें 208 नक्सलियों का शव बरामद किया गया। 39 मारे गए लोगों को शव नक्सलियों अपने साथ ले गए। इस दौरान 1852 से अधिक ने आत्मसमर्पण और 2734 नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली। इस अवधि में 692 आईईडी और 678 हथियार बरामद किए गए। इसमें एलएमजी, ऑटोमेटिक रायफल, एके-47, इसांस, एसएलआर, मोर्टार और पिस्टल सहित अन्य हथियार शामिल है।
डीजी नक्सल अभियान डीएम अवस्थी ने बताया कि नक्सलियों ने दक्षिण सब जोनल कमेटी की ओर से विज्ञप्ति जारी की गई है। इसमें अगस्त 2017 से जुलाई 2018 के बीच 116 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि की है। इस सफलता के मुख्य कारण इंटीलिजेंस बेस्ड ऑपरेशन का चलाया जाना है। सुरक्षाबलों के बीच समन्वय और बदली हुई रणनीति के कारण पिछले ढाई वर्ष में 5 सौ से ज्यादा मुठभेड़ की घटनाएं हुई है। जिस ढंग से आपरेशन चल रहा है उससे उम्मीद है 2022 तक माओवादी को समाप्त हो जाएगा।
समन्वय स्थापित
स्पेशल डीजी ने बताया कि मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और ओडिसा में एसआईबी के साथ लगातार एसआइबी की टीम संपर्क में है। इसी के चलते भूपेश बघेल को धमकी देने वाला पकडा़ गया। नक्सलियों के राजनांदगांव और कवर्धा स्थित नए जोन पर लगातार जवानों को सर्चिंग करने कहा गया है।
Published on:
02 Aug 2018 03:32 pm
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