
NEET Result 2024: प्रदेश के बालोद व दंतेवाड़ा में 5 मई को हुए नीट यूजी में 45 मिनट देरी से पर्चे बंटे थे। 4 जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने (NEET Result 2024) रिजल्ट भी घोषित कर दिया, लेकिन छात्रों को बोनस अंक नहीं दिया गया है। देशभर में नीट के आल इंडिया रैंक एक में 67 छात्र आए हैं।
एनटीए इसकी वजह बोनस अंकों को बता रहा है। ऐसे में दंतेवाड़ा व बालोद के छात्रों को बोनस अंक नहीं देने पर कई सवाल उठ रहे हैं। दूसरी ओर, लगातार विवाद के शनिवार को एनटीए ने देशभर में चल रहे विवाद की जांच के लिए कमेटी बना दी है। ये कमेटी एक हते में रिपोर्ट देगी। जांच में प्रदेश के दंतेवाड़ा व बालोद सेंटर को भी शामिल किया गया है।
मई को बालोद के सेंटर में परीक्षा से जुड़े अधिकारियों की लापरवाही के कारण छात्रों को दूसरा पर्चा दे दिया गया था। वहां एसबीआई व केनरा बैंक में पर्चे रखवाए गए थे। एसबीआई वाले पर्चे बांटने थे, लेकिन अफसरों ने केनरा बैंक वाले पर्चे बांट दिए। इस लापरवाही का खुलासा 45 मिनट बाद हुआ। इसके बाद सही पर्चे बंटवाए गए। छात्रों को अतिरिक्त समय भी नहीं दिया गया।
इसे लेकर छात्रों व पालकों ने जमकर हंगामा किया था। मामला बिलासपुर हाईकोर्ट में है। वहीं दंतेवाड़ा के पीजी कॉलेज स्थित सेंटर में हिंदी माध्यम के छात्रों (NEET Result 2024) को अंग्रेजी माध्यम का पर्चा दे दिया गया। इसकी भी शिकायत एनटीए से की गई थी। दोनों ही मामलों में एनटीए ने कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन बोनस अंक नहीं मिलने से छात्रों में नाराजगी है। इस मामले को लेकर बालोद के पालक फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले है। हाईकोर्ट पहुंचे पालक संजय सोनबोईर का कहना है कि एनटीए की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। बोनस अंक नहीं देना छात्रों के करियर के साथ खिलवाड़ है।
इस साल नीट का रिजल्ट सुर्खियों में है। लोकसभा मतगणना के दिन 4 जून को अचानक रिजल्ट घोषित कर दिया गया। जबकि, ये रिजल्ट 14 जून को आना था। एआईआर में 67 छात्रों के नाम देखकर सभी भौंचक रह गए। क्योंकि पहले के सालों में एक से तीन छात्रों को ही 720 में 720 अंक मिलते रहे हैं। अचानक टॉप एक में 67 छात्रों के नाम ने सभी को चौंका दिया। तब से देश के विभिन्न राज्यों में रिजल्ट को लेकर विरोध शुरू हो गया है।
इसी विरोध को देखते हुए व मामले की तह तक पहुंचने के लिए एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार सिंह ने 4 सदस्यीय कमेटी बनाने की घोषणा की। ये देखने वाली बात होगी (NEET Result 2024) कमेटी वाकई में मामले की जांच करती है या केवल औपचारिकता निभाती है। यानी एनटीएस को क्लीनचिट तो नहीं दे दी जाएगी? कमेटी 1563 कंडीडेट व 6 सेंटरों की जांच करेगी, जिन्हें बोनस अंक दिया गया है। इसमें छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, बालोद, हरियाणा का बहादुरगढ़, मेघालय, सूरत गुजरात व चंडीगढ़ शामिल है।
छत्तीसगढ़ के 10 सरकारी व 3 निजी कॉलेजों में एमबीबीएस की 1910 सीटें हैं। इनमें 82 फीसदी सीटें ही स्टेट कोटे के लिए होती हैं। इनमें 1400 के आसपास सीटें स्टेट कोटे की है। सरकारी कॉलेजों में 15 फीसदी सीटें आल इंडिया व 3 फीसदी सीटें सेंट्रल पुल के लिए आरक्षित है। वहीं निजी कॉलेजों में 42.5-42.5 फीसदी सीटें स्टेट व मैनेजमेंट तथा 15 फीसदी सीटें एनआरआई कोटे के लिए है। ऐसे में कुल सीटों की तुलना में छात्रों की संया 11.67 फीसदी ज्यादा है। यानी एक सीट के लिए 11.67 छात्रों के बीच मुकाबला होगा। जिनकी रैंक ऊपर है, उन्हीं का एडमिशन कॉलेजों में होगा। बाकी जो क्वालिफाइड है, वे केवल काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए पात्र हैं।
एनटीए का रिजल्ट काफी चौंकाने वाला है। कोई छात्र कैसे बोनस अंक के भरोसे टॉपर बन सकता है, जैसाकि एनटीए का तर्क है। ये तर्क किसी के गले नहीं उतर रहा है। उमीद की जाती है कि जो कमेटी एनटीए ने बनाई है, वे निष्पक्ष तरीके से मामले की जांच कर रिपोर्ट दे। तभी (NEET Result 2024) लाखों छात्रों व पालकों का एनटीए पर भरोसा कायम रहेगा।
Updated on:
10 Jun 2024 11:15 am
Published on:
09 Jun 2024 11:21 am
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