
,
रायपुर. हरेली सोमवार को मनाई गई। यह खेती-किसानी को समर्पित त्योहार है। लेकिन, प्रदेश में कुछ किदवंतियां ऐसी चल पड़ी हैं कि इन्हें जादू-टोने को समर्पित दिन के रूप में देखा जाताहै। माना जाता है कि इस रात टोनही तंत्र क्रियाएं करती हैं। इसी भ्रम को दूर करने के लिए अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने सोमवार की रात शहर से लगे आसपास के 8 से ज्यादा गांवों में अनोखा अभियान चलाया।
अंधविश्वास को दूर करने समिति के सदस्यों ने रात 11 से 3 बजे के बीच अमलेश्वर और इसके आसपास के गांवों का भ्रमण किया। इस दौरान ग्रामीण भी उनके साथ थे। ग्रामीण मानते हैं कि टोनही रात में जहां तंत्र क्रिया करती हैं, उन स्थानों पर गए। ग्रामीणों को दिखाया कि यहां कोई तंत्र क्रिया नहीं हो रही है।
न ही कोई महिला टोनही होती है। दरअसल, आज भी प्रदेशभर में कई महिलाएं जादू-टोने के शक में प्रताड़ित की जा रहीं हैं। कई महिलाओं की हत्या भी की जा चुकी है। अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति इसी अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चला रही है। समिति ने अमलेश्वर, अमलेश्वरडीह, कोपेडीह, मोहदा, झीट समेत कई गांवों का दौरा किया।
सदस्यों ने बताया कि कहीं-कहीं ग्रामीणों ने जादू-टोना, झाड़-फूंक पर विश्वास होने की बात स्वीकार की। किसी ने भी चमत्कारिक घटना देखने की बात नहीं कही। इस दौरान डॉ. एचके गजेंद्र, डॉ. शैलेष जाधव, डॉ. अश्विनी साहू, प्रियांशु पांडेय आदि मौजूद रहे।
Published on:
18 Jul 2023 11:54 am
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
