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स्मार्ट कार्ड का बैलेंस हुआ गायब, सरकारी वेबसाइट पर भी नही मिल रही कोई जानकारी

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बने स्मार्टकार्ड से लोगों का इलाज करना अस्पतालों ने बंद कर दिया है

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स्मार्ट कार्ड का बैलेंस हुआ गायब, सरकारी वेबसाइट पर भी नही मिल रही कोई जानकारी

रायपुर. आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बने स्मार्टकार्ड से लोगों का इलाज करना अस्पतालों ने बंद कर दिया है। वहीं, अब हितग्राहियों को स्वास्थ्य विभाग की सरकारी वेबसाइट पर कार्ड में बची राशि की जानकारी नहीं मिल रही है।

बताया जाता है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 2018 में बने स्मार्टकार्डधारियों का सरकारी बेवसाइट पर डाटा ही अभी अपलोड नहीं किया गया है, जिससे हितग्राहियों को ऑनलाइन बैंलेस की जानकारी नहीं मिल पा रही है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इससे इनकार किया है।

गौरतलब है कि इस साल प्रदेशभर में 50 लाख से अधिक परिवारों का स्मार्टकार्ड बनाया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार की किसी भी योजनाओं के बारे में जानकारी के लिए सरकारी वेवसाइट बनाई गई है। इस वेबसाइट पर ऑनलाइन सभी योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध हो जाती है।

वेबसाइट पर स्मार्टकार्ड से संबंधी जानकारी के लिए भी ऑप्शन बनाया गया है। छत्तीसगढ़ वेबसाइट पर बैलेंस जानने के लिए गूगल पर आरएसबीवाय बैलेंस चेक टाइप करना होगा। इसके बाद सीजी निक पर क्लिक करने से छत्तीसगढ शासन की वेबसाइट खुल जाएगी। इसमें इंटर यूआरएन में स्मार्टकार्ड का नंबर डालने पर बैलेंस की जानकारी मिल जाएगी।

नो रेकॉर्ड फाउंड फॉर दिस यूआरएन
वेबसाइट पर दिए गए ऑप्शन से हितग्राहियों को स्मार्टकार्ड की बैलेंस जांच करने पर सिर्फ ‘नो रेकॉर्ड फाउंड फॉर दिस यूआरएन’ दर्शा रहा है। हितग्राहियों का कहना है कि स्मार्ट कार्ड का लाभ निजी अस्पतालों में नहीं मिलने से पहले ही परेशान हो रहे थे। काफी मशक्कत के बाद सरकारी या किसी निजी अस्पताल में उपचार हो भी जा रहा है तो यह पता नहीं चल पा रहा है कि स्मार्टकार्ड से कितने पैसे कटे या कितने पैसे बचे हुए हैं।

बकाया का होने लगा भुगतान, बातचीत जल्द
आयुष्मान को लेकर स्वास्थ्य विभाग और ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) में चल रहा विवाद सुलझने की दिशा में है। 15 अक्टूबर के बाद स्वास्थ्य विभाग और आइएमए के पदाधिकारियों के बीच मामले को लेकर सुलह हो सकती है। हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि मंगलवार और बुधवार को प्रदेशभर के अलग-अलग जिलों से भुगतान बैंक में ट्रांसफर होने की खबर सदस्यों ने दी है।

इसकी जानकारी वेबसाइट पर बीमा कंपनी ने उलपब्ध नहीं कराई है। भुगतान राशि 15 परसेंट पैकेज राशि में से काटी गई हो सकती है। वेबसाइट और इंश्योरेंस कंपनी का मेल मिलते ही बैंक अकाउंट से मिलान करने के बाद सदस्य इसकी जानकारी दे देंगे। एक-दो दिनों में भुगतान की स्थिति स्पष्ट होने के बाद आइएमए के पदाधिकारी आयुष्मान के सॉफ्टेवयर में सरलीकरण तथा अन्य बिन्दुओं पर स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से बातचीत शुरू कर सकते हैं।

सीधी बात
आर प्रसन्ना, संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं
सवाल- हितग्राहियों को बैलेंस की जानकारी नहीं मिल पा रही है?
जवाब- किसी भी अस्पताल की साइट पर जाकर बैलेंस देखा जा सकता है।
सवाल- अस्पतालों में कार्ड का लाभ नहीं मिल पा रहा है?
जवाब- आइएमए की स्ट्राइक की वजह से कुछ अस्पतालों में इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। अन्य अस्पतालों में इससे इलाज किया जा रहा है।
सवाल- पता चला है कि 2018 के हितग्राहियों का डेटा अपलोड नहीं हुआ है?
जवाब- ऐसी बात नहीं है। सारे डेटा अपलोड किए गए हैं। लोग इसका उपयोग कर रहे हैं।