गोविंद नगर सिविल लाइन निवासी सुनील कुलकर्णी भी इसी तरह की ठगी का शिकार हो गए। उनके बैंक खाते से ठगों ने चंद सेकंड में ही 40 हजार रुपए से अधिक की राशि का आहरण कर लिया। इसकी शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
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पुलिस के मुताबिक सुनील के पास 4 अक्टूबर को अज्ञात व्यक्ति ने एसबीआई बैंक का कर्मचारी बनकर फोन किया। और केवायसी कराने के लिए के लिए कहा। इसके लिए उसने एक लिंक भेजकर बैंक संबंधित कुछ जानकारी पूछी। इसके बाद ओटीपी नंबर बताने के लिए कहा, लेकिन ओटीपी नहीं आने के कारण सुनील ने प्रक्रिया पूरी नहीं की।
इसके बाद फिर आरोपी ने उन्हें फोन किया और कहा कि आपकी केवायसी पूरी नहीं हुई है। आपका मोबाइल नंबर भी बंद होने वाला है। जल्द केवायसी करवा लें। ऑनलाइन केवायसी करवा लीजिए। इस पर सुनील ने सहमति दे दी। इसके बाद आरोपी ने क्वीक सपोर्ट मोबाइल एप डाउनलोड करने के लिए कहा, तो उन्होंने अपने मोबाइल में एप डाउनलोड किया।
मोबाइल एप डाउनलोड करते समय मोबाइल डाटा एक्सेस अलाउ का ऑप्शन आया। इसे उन्होंने अलाउ किया। इसके कुछ ही सेकंड में उनके बैंक खाते से 48 हजार 541 रुपए का आहरण हो गया। इसकी शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
कई बार हो चुकी है ठगी
क्वीक सपोर्ट मोबाइल एप के जरिए कई लोग ठगी का शिकार हो चुके हैं। अक्सर केवायसी, रिचार्ज, गेम, मनोरंजन संबंधी ऑनलाइन सुविधाओं के नाम पर ठग लोगों को झांसे में लेते हैं। और मोबाइल एप डाउनलोड करवाते हैं। मोबाइल एप डाउनलोड होते ही मोबाइल का पूरा डाटा ठग चुरा लेते हैं। इनमें अधिकांश ऐसे लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं, जिनके मोबाइल नंबर संबंधित बैंक खाते से लिंक है या मोबाइल में बैंक खाता, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड संबंधी जानकारी रखी है।
पकड़ में नहीं आते आरोपी
मोबाइल एप डाउनलोड करवाकर ठगी करने वाले आसानी से पकड़ में नहीं आते हैं। जिस नंबर से फोन करते हैं, उस नंबर को बंद कर देते हैं। इसके अलावा क्वीक सपोर्ट एप के जरिए सीधे अपने वॉलेट में राशि ट्रांसफर करते हैं। और उस राशि से टीवी, मोबाइल रिचार्ज करवा लेते हैं। साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग भी कर लेते हैं। ऑनलाइन ठगी के इस तरह के मामले में आरोपियों को पुलिस अब तक पकड़ नहीं पाई है।