
श्री बालाजी भगवान मंदिर के संस्थापक सदस्य डॉ देवेन्द्र नायक बताते हैं कि लगभग 16 हजार स्क्वेयर फीट में तीन मंजिला मंदिर वास्तु अनुरुप बनाया गया है। सेकंड फ्लोर में बालाजी वेंकेटेश्वर भगवान की वैसी ही प्रतिमा स्थापित की जाएगी जैसी तिरुपति तीर्थस्थल में प्रतिष्ठापित है। इसके उपर ग्राउंड तल में अमृत कलश पर विराजित धनवंतरि रूप वाले बालाजी और प्रथम तल पर गरुडज़ी के साथ भगवान बालाजी विराजेंगे। सबसे ऊपर मंदिर में 5 फीट का कलश रूपी गुंबज भी आकर्षण का केन्द्र होगा। सभी प्रतिमाएं तिरुपति से लाई जा रही हैं।
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यह एकमात्र मंदिर होगा जिसकी स्थापना दुबे कॉलोनी मोवा में बालाजी सुपरस्पेश्यालिटी हास्पिटल परिसर में निर्माण किया गया है। जिसमें आकर्षक रंगरोगन एवं नक्काशीदार मूर्तियों की मनोरम झांकी भी मंदिर में उकेरी गई है। जो छत्तीसगढ़ प्रदेश को अपनी अलग पहचान देंगी। 28 अप्रैल को प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होगा।
तिरुपति के मूर्तिकार ने किया निर्माण
डॉ नायक के अनुसार देश-विदेश में जहां-जहां भी भगवान बालाजी की प्रतिमा प्रतिष्ठापित की गई है, उन प्रतिमाओं को तिरुपति निवासी मूर्तिकारों के प्रिंसिपल अर्थात सपति कहे जाने वाले प्रमुख मूर्तिकार डी चक्रधारी के मार्गदर्शन में निर्मित किया गया है। वे देश-विदेश में अब तक अलग-अलग डिजाइन वाले 400 से अधिक मंदिरों का निर्माण कर चुके हैं।
पूजा संपन्न कराने तिरुपति के वैध पाठशाला से मुख्य आचार्य गोडावर्ती अनंता वेंकरा दीक्षित स्वामी और वैध पाठशाला के दीक्षित आचार्य वेणु गोपाल आ रहे हैं। साथ ही स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज व्याख्यान देंगे। रात्रि में दिलीप षडंगी भजनों की प्रस्तुति देंगे।
Published on:
26 Apr 2018 11:46 am
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