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छत्तीसगढ़ के दो सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटलों में पेट सीट मशीन का इंतजार

मशीन के स्टॉलेशन का काम पूरा लेकिन अब तक एआरबी से नहीं मिली मंजूरी, एम्स में कैंसर की सटीक जानकारी के लिए विगत दो माह पहले करीब २५ करोड़ की लागत से अमरीका से मशीन मंगाई थी।

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एम्स और आंबेडकर हॉस्पिटल में पेट सीटी मशीन के शुरू होने का मरीजों को इंतजार

एम्स और आंबेडकर हॉस्पिटल में पेट सीटी मशीन के शुरू होने का मरीजों को इंतजार

रयपुर. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में पेट (पॉजीट्रॉन एमिशन टोमाग्राफी स्कैन मशीन) सीटी मशीन के स्टॉलेशन काम पूरा हो गया है लेकिन एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (एआरबी) से लाइसेंस नहीं मिलने की वजह से कैंसर मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। एम्स में कैंसर की सटीक जानकारी के लिए विगत दो माह पहले करीब २५ करोड़ की लागत से अमरीका से मशीन मंगाई थी। न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में मशीन के स्टॉलेशन का काम भी पूरा कर लिया गया है। वहीं, आंबेडकर अस्पताल में अप्रैल २०१९ में मशीन के स्टॉलेशन का काम पूरा हो गया था। सूत्रों के अनुसार, अस्पताल प्रबंधन ने एआबी के लिए अभी तक लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया है। अस्पताल प्रबंधन ने मशीन संचालन के लिए लैब इंडिया हेल्थ केयर प्रा.लि. से अनुबंध किया गया है। पीपीपी मोड पर अनुबंधित कंपनी को ही एआरबी लाइसेंस का जिम्मा सौंपा गया है। बताया जाता है कि मशीन को संचालित करने के लिए आवश्यक मटेरियल की भी अब तक खरीदी नहीं की गई है। मशीन के आने से पहले ही सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से ऐसा नहीं किया गया है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। आंबेडकर अस्पताल के कैंसर विभाग में प्रतिदिन १५०-२०० मरीज पहुंचते हैं।

कैंसर की मिलती है सटीक जानकारी

विशेषज्ञों का कहना है कि इस मशीन से कैंसर की मुख्य वजह क्या है, मरीज के शरीर में कहां-कहां और कितना फैला हुआ है, इसकी सटीक जानकारी मिलती है। प्रदेश के किसी भी सकरारी अस्पताल में पेट सीटी मशीन की सुविधा नहीं होने की वजह से मरीजों को निजी अस्पताल जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। जिनी अस्पतालों में मरीजों से इस जांच के लिए २५ से ३० हजार रुपए वसूले जाते हैं। एम्स और आंबेडकर में आयुष्मान कार्ड से यह जांच मुफ्त में होगी।

२-३ दिनों में एआरबी से मंजूरी मिल जाएगी, सभवत: अगले सप्ताह से मरीजों को इसका लाभ मिलने लगेगा। एम्स से बिना इलाज के कोई मरीज न लौटे इसकी पूरी व्यवस्था की जा रही है।

डॉ. करन पिपरे, अधीक्षक, एम्स, रायपुर

कंपनी को सारी प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। उम्मीद है कि अगले माह से पेट सीटी मशीन शुरू हो जाएगा। आंबेडकर में दिन-प्रतिदिन मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

डॉ. विवेक चौधरी, अधीक्षक, आंबेडकर अस्पताल, रायपुर