पुलिस से बचने के लिए उसने अपना नाम पता बदल लिया था और छत्तीसगढ़ में राकेश जायसवाल के रूप में रह रहा था। दिसंबर, 2018 में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर राजेंद्रनगर में सराफा कारोबारी अनिल सोनी से 14 लाख रुपये के जेवर के लूट की घटना को अंजाम दिया था।
इसी लूट के बटवारे को लेकर उसका अपने दो साथियों के साथ विवाद चल रहा था। जिसके चलते उसके साथियों ने उसकी गोली मार कर हत्या कर दी थी। दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनकी पहचान मूलतः बिहार के वैशाली जिले के बैकुंठपुर निवासी अनुपम झा उर्फ अमर (30) और जौनपुर जिले के ग्राम परैवा, गौराबासापुर के दिलीप राय उर्फ गोलू (24) को कोतमा-शहडोल के रूप में हुई है।
उसके पास से 10 लाख रुपये के जेवर, 65 हजार नगद और जेवरात बेच कर खरीदी गयी कार और स्कूटी बरामद की है। खुलासा करने वाली पुलिस टीम को डीजीपी ने 50 हजार, आईजी ने 30 हजार और एसपी ने 10-10 हजार ईनाम देने की घोषणा की है।
पूछताछ में गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने बताया कि तीनो मिलकर एक बड़ी लूट की घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे लेकिन इससे पहले लुटे गए जेवरात के बटवारे को लेकर उनमें विवाद हो गया। जिसके बाद मृतक नीरज शुक्ला ने सबकुछ पुलिस को बताने की धमकी दे दी। पकडे जाने के डर से दोनों ने उसे गोली मार दी।