
'पुष्पा' ने बढ़ाई छॉलीवुड की टेंशन, सिंगल स्क्रीन में छाया रहेगा टॉलीवुड
रायपुर. इन दिनों अल्लु अर्जुन अभिनीत फिल्म पुष्पा सुर्खियों में है। फिल्मी पंडितों के बीच फिल्म की सफलता को लेकर काफी कुछ कहा जा रहा है। जानकार कह रहे हैं कि इस फिल्म ने हिंदी बेल्ट में साउथ इंडस्ट्री के कदम मजबूत कर दिए हैं जिसके दूरगामी नतीजे आएंगे। चूंकि साउथ की अधिकतर फिल्में सिंगल स्क्रीन में रिलीज होती रही हैं। इस लिहाज से छॉलीवुड भी प्रभावित हो सकता है।
राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्डी मनोज वर्मा कहते हैं, बॉलीवुड के चलते हम लोगों को सिंगल स्क्रीन से लेकर मल्टीप्लेक्स नहीं मिल पाते थे। अब ये एक नई चुनौती हमारे सामने खड़ी है जिसमें साउथ की फिल्मों का दौर शुरू हो गया है। वहां की फिल्में बॉलीवुड से बड़ी बन रही हैं और ज्यादा बिजनेस कर रही हैं। इनकी फिल्में ज्यादातर सिंगल स्क्रीन की होती हैं। हमारी फिल्में कुल 40 सेंटर पर लग पाती हैं ऐसे में साउथ की फिल्मों का कब्जा होना हमारी इंडस्ट्री के लिए बड़ी चुनौती है। एक तो पहले ही हम कोरोना के मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं, दूसरा साउथ का चैलेंज। अब जरूरत है कि बेहतर फिल्में बने जो साउथ की फिल्मों से टक्कर ले सके। अगर आप कॉम्पीटिशन लेवल पर जाकर फिल्में बनाते हैं, रिलीज एरिया भी राज्य के बाहर हो, उस लेवल की फिल्में बनें तब हम सरवाइव कर पाएंगे।
अब हिंदी के लिए भी संघर्ष
डायरेक्टर प्रणव झा ने कहा, यह सिने प्रदर्शकों के लिये तो बहुत अच्छी बात है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ी फिल्मों के साथ-साथ हिन्दी फिल्मों के लिए भी संघर्ष रहेगा। नए सिनेमा भी खुलेंगे क्योंकि पुष्पा ने साबित किया है- सिनेमा का मजा टॉकीज में ही रहता है। बस फिल्में अच्छी बननी चाहिए।
बड़े एक्टर-डायरेक्टर की फिल्मों को फर्क नहीं पड़ेगा
फिल्म वितरक और टॉकीज संचालक लकी रंगशाही कहते हैं, जिस तरह पुष्पा ने बढिय़ा कलेक्शन किए हैं उससे सिनेमा के सिनेरियो में बदलाव आएगा। अब जब कभी साउथ की बड़ी फिल्म रिलीज होगी, सेम डे बॉलीवुड फि़ल्म रिलीज करने से बचेंगे। रही बात छत्तीसगढ़ी फिल्मों की तो अगर बड़े कलाकार और नामी निर्माता-निर्देशक की फिल्म हो तो उससे दिक्कत नहीं होगी। साउथ और हिंदी पिक्चरों की रिलीज पर पर छोटी छत्तीसगढ़ी फिल्मों को दिक्कत जाएगी। वैसे भी छत्तीसगढ़ी फिल्म बड़ी हिंदी पिक्चर के साथ टकराती नहीं है। अमूमन 1-2 हफ्ते के बाद ही रिलीज करते हैं। छालीवुड फिल्मों के पीआरओ दिलीप नाम पल्लीवार कहते हैं, थोड़ी दिक्कत तो लेकिन सिचुएशन मैनेज हो जाएगी। हां कुछ चुनिंदा सेंटर के लिए सीजी फिल्म को प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। वैसे छत्तीसगढ़ी फिल्मों का एक अलग दर्शक वर्ग भी है।
Published on:
20 Jan 2022 07:09 pm
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
