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शहर में सफाई व्यवस्था बदहाल, मलेरिया-डेंगू फैलने का है खतरा

निगम प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान, वार्डों में गंदगी का आलम।

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राजनांदगांव। शहर के ठेका वार्डों में सफाई व्यवस्था का बहुत ही बुरा हाल है। ठेकेदारों द्वारा सफाई कर्मियों को वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में सफाई कर्मी हड़ताल में चले गए हैं और वार्डों में सफाई नहीं हो रही है। वहीं ठेकेदारों द्वारा वार्डों में दवाइयों का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में बारिश के मौसम में वार्डों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से शहर में डेंगू-मलेरिया सहित अन्य बीमारी फैलने का खतरा है।

बावजूद इसके निगम प्रशासन को कोई लेना-देना नहीं है। गौरतलब है कि शहर के 51 वार्डों में से 28 वार्डों में सफाई की व्यवस्था ठेका पर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश वार्डों में सफाई का ठेका महिला समूहों के आड़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस के जनप्रतिनिधि चला रहे हैं। सत्ता की धमक में नेता सफाई करने गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। वहीं नेताओं की वजह से निगम के अधिकारी-कर्मचारी सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने नहीं जाते।

इन -इन वार्डों में दिखी गंदगी, लोगों में नराजगी: पत्रिका ने शुक्रवार को सफाई ठेका वार्ड 23 सहदेव नगर क्षेत्र में सफाई का जायजा लिया तो गोड़ समाज भवन के पास गंदगी पसरी हुई थी। वहीं आगे बढ़ने पर नाली का निर्माण अधूरा होने से गंदा पानी आसपास क्षेत्र में फैला हुआ था। इसके अलावा नीलगिरी पार्क के आसपास भी गंदगी पसरी हुई थी।

वहीं नंदई क्षेत्र के डबरी पारा व अन्य जगहों पर नालियां बजबजा रही थी। रहवासियों ने बताया कि लंबे समय से नालियों की सफाई नहीं हुई। इसके अलावा वार्ड 39 बांस पाई पारा में भी नुक्कड़ में कचरा जमा था। लोगों ने बताया कि यहां पर से कचरा सप्ताह में एक दो दिन ही उठाई जाती है। यहीं हाल मोतीपुर व नवागांव वार्ड में देखा गया।

वार्डों में हर माह डेढ़ से पौने दो लाख रुपए खर्च
निगम प्रशासन द्वारा ठेका वार्डो में हर माह डेढ़ से पौने दो लाख रुपए खर्च किया जा रहा है। बावजूद इसके सफाई व्यवस्था का बहुत ही बुरा हाल है। पर्याप्त कर्मचारी व पैसा होने के बाद भी सफाई नहीं होने से ठेकादारों के कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। नालियों मे दवाइयों तक का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। ऐसे में ठेकादार सफाई के नाम पर अपनी जेबें भर रहे हैं। इस मामले में निगम प्रशासन को गंभीरता दिखाते सफाई व्यवस्था दुरस्त करने की जरुरत है। मिली जानकारी के अनुसार निगम में 305 ठेका श्रमिक, 164 परमानेंट सफाई कर्मचारी, 18 मंत्री और 113 कर्मचारी प्लेसमेंट में काम कर रहे हैं। इसका बोझ अलग है।

सफाई का ठेका चला रहे ठेकेदारों को रोजाना सफाई करने व समय समय पर दवाइयों का छिड़काव करने के निर्देश जारी किए गए है। ऐसा नहीं हो रहा तो इस मामले की जांच कर संबंधितों पर कार्रवाई करेंगे। ठेका कर्मियों को वेतन नही मिलने की जानकारी नहीं मिली है।
-यूके रामटेके, ईई नगर निगम